बीमा इसे प्राप्त करने के लिए एक पोस्टडेटेड टिकट है। वर्षों तक उच्च प्रीमियम देने के बाद तुच्छ आधार पर इस टिकट को नामंजूर करना पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। बेशक, बीमा के झूठे दावे किए जाते हैं लेकिन कुछ कंपनियों की दूसरों की तुलना में अधिक बार दावों को खारिज करने की प्रवृत्ति खतरे की घंटी है। बीमा कंपनियों के खिलाफ रोष केवल भारत की समस्या नहीं है। अमेरिका में 4 दिसंबर को लुइगी मैंगियोन ने देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा कंपनी के सीईओ को गोली मारी थी लेकिन उससे बहुत पहले ही देश हेल्थ इंश्योरेंस चरमरा गया था।
भारत में हेल्थ प्रीमियम पर 18% जीएसटी से विश्वासघात की भावना और बढ़ जाती है। एक बीमा कंपनी को आप जो एक रुपया देते हैं, उसके लिए सरकार 18 पैसे अतिरिक्त लेती है। शनिवार को उसके पास इसे कम करने का एक मौका था लेकिन इस मामले को टाल दिया गया। इसकी वजह यह रही कि इसे जरूरी नहीं माना गया और इस पर और चर्चा की जरूरत महसूस की गई। हालांकि जीएसटी का मकसद अच्छा और आसान टैक्स है लेकिन जीएसटी काउंसिल को साधारण नमकीन पॉपकॉर्न पर 5%, पैकेज्ड पर 12% और कारमेलाइज्ड पर 18% टैक्स तय करने का समय मिल गया। प्राथमिकताओं की बात करें।
भारत में हेल्थ प्रीमियम पर 18% जीएसटी से विश्वासघात की भावना और बढ़ जाती है। एक बीमा कंपनी को आप जो एक रुपया देते हैं, उसके लिए सरकार 18 पैसे अतिरिक्त लेती है। शनिवार को उसके पास इसे कम करने का एक मौका था लेकिन इस मामले को टाल दिया गया। इसकी वजह यह रही कि इसे जरूरी नहीं माना गया और इस पर और चर्चा की जरूरत महसूस की गई। हालांकि जीएसटी का मकसद अच्छा और आसान टैक्स है लेकिन जीएसटी काउंसिल को साधारण नमकीन पॉपकॉर्न पर 5%, पैकेज्ड पर 12% और कारमेलाइज्ड पर 18% टैक्स तय करने का समय मिल गया। प्राथमिकताओं की बात करें।