मक्के की खूब है डिमांड
असम में इथेनॉल बनाने वाली अकेले एक कंपनी में 5 लाख टन मक्के की मांग है। इसके अलावा पशु आहार और पोल्ट्री फीड के लिए भी मक्के की बहुत मांग है। खाने-पीने की चीजों में मक्का का जो उपयोग होता है, वह अलग। इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए फायदेमंद है। तभी तो आईआईएमआर असम सहित पूरे देश में मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए अभियान चला रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इथेनॉल के लिए मक्के का उपयोग करना प्रकृति के लिए भी अच्छा रहेगा, क्योंकि इसकी खेती में गन्ना और चावल के मुकाबले पानी अपेक्षाकृत कम लगता है। उल्लेखनीय है कि आईआईएमआर देश के 15 राज्यों के 78 जिलों के 15 जलग्रहण क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं और उन्नत किस्मों का प्रसार कर रहा है, ताकि मक्का का उत्पादन बढ़े।