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सीरिया के ISIS कैम्प में मौजूद ये बच्चे अनाथ टेरर कैम्प में जन्मे बच्चों को गोद लेंगे ब्रिटिश

Updated on 05-12-2023 02:22 PM

सीरिया के कैम्प्स में मौजूद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के 10 अनाथ बच्चों को चुपचाप ब्रिटेन लाया जा रहा है। सभी बच्चों के पिता मारे जा चुके हैं। मां भी या तो मारी जा चुकी हैं या फिर लापता हैं। ब्रिटिश नागरिक इन बच्चों को एडॉप्ट कर सकेंगे।

2014 के आसपास ISIS के आतंकियों से निकाह के लिए ब्रिटेन की कई लड़कियां सीरिया और इराक चली गईं थीं। 2019 में इस संगठन का खात्मा हो गया। तब से सैकड़ों महिलाएं और बच्चे सीरिया के कैम्प्स में कैद हैं।

खास बात यह है कि ब्रिटेन सरकार आतंकियों से शादी करने वाली ब्रिटिश लड़कियों को वापस लेने को तैयार नहीं हैं। ब्रिटिश अखबार ‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट में यह तमाम खुलासे किए गए हैं।

कौन हैं ये बच्चे

  • रिपोर्ट के मुताबिक- 10 में से ज्यादातर बच्चों के पेरेंट्स काफी पहले मारे जा चुके हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जिनके पेरेंट्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऋषि सुनक सरकार गुपचुप तरीके से इन बच्चों को ब्रिटेन ला रही है। यहां इन्हें अनाथालय में रखा जाएगा। बाद में ब्रिटेन के नागरिक गोद ले सकेंगे।
  • 2014 के करीब ISIS बेहद खूंखार आतंकी संगठन था। इसने सीरिया और इराक के कुछ हिस्सों में अपना अलग देश और शासक (खलीफा) बनाया था। बाद में दुनिया के कई देशों ने मिलकर इस संगठन का करीब-करीब खात्मा कर दिया। अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और लीबिया में इसके कुछ आतंकी जरूर बचे हैं, लेकिन बतौर संगठन अब इसका वजूद नहीं के बराबर है।
  • बहरहाल, जब ISIS हाईली एक्टिव था तो इसके आतंकियों से शादी के लिए यूरोप समेत दुनिया के कई देशों की लड़कियां सीरिया और इराक चली गईं थीं। ज्यादातर या तो मारी गईं या फिर लापता हैं। कुछ सीरिया के कैम्प्स में मौजूद हैं। कुछ महिलाओं और बच्चों को इनके देश वापस ले रहे हैं।
  • ब्रिटेन का मामला अलग क्यों

    • कई यूरोपीय देश भी इन महिलाओं और बच्चों को वापस ले चुके हैं या ले रहे हैं। हालांकि, पश्चिमी यूरोप में ब्रिटेन ऐसा देश हैं जो इस मामले में बेहद सख्त रवैया अपनाता आया है। उसने अब तक न तो ब्रिटिश महिलाओं को वापस लिया और न इनके बच्चों को। इसके लिए उसकी आलोचना भी होती है।
    • अब पहली बार यह बात सामने आ रही है कि ब्रिटिश महिलाओं से जन्मे बच्चों को देश वापस लाया जाएगा। पहले उन्हें अनाथालय में रखा जाएगा और फिर एक प्रोग्राम के तहत उन्हें गोद दिया जाएगा।
    • मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता रहा है कि फ्रांस ने कथित तौर पर अपने 160 नागरिकों को देश बुला चुका है। इनमें 50 महिलाएं भी शामिल हैं। इसी तरह जर्मनी करीब 100 बच्चों और महिलाओं को वापस ले चुका है। अमेरिका इस मसले के स्थायी समाधान की बात करता है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि उसने क्या कदम उठाए हैं।
    • इन लोगों की वापसी जरूरी क्यों

      • रिपोर्ट के मुताबिक- ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन्स कई बार इस मसले पर संबंधित देशों की सरकारों को आगाह कर चुके हैं। इन संगठनों का मानना है कि यह मामला दुनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है।
      • ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन्स कहते हैं- सीरिया में मौजूद ISIS रिफ्यूजी कैम्प्स में मौजूद बच्चे जिस माहौल में रह रहे हैं, उसका असर इन पर पड़ेगा और भविष्य में ये भी दहशतगर्दी का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। सीरिया के अल-होल कैम्प में अकसर जानलेवा बीमारियां फैलती रहती हैं।
      • ब्रिटेन के चैरिटी ग्रुप ‘रिप्राइव’ की हेड कैथरीन कॉर्नेट कहती हैं- हमारी सरकार और नेताओं को शर्म करना चाहिए कि हमारे बच्चे कंपा देने वाली ठंड फटे टेंट्स में गुजार रहे हैं। इसकी वजह है कि सरकार इन्हें वापस नहीं बुलाना चाहती। कुछ बच्चे मारे जा सकते हैं और कुछ को बंदूक की नोंक पर अगवा किया जा सकता है।

      सीरिया में कितने ब्रिटिश बच्चे

      • कैथरीन के मुताबिक- सीरिया के डिटेंशन और रिफ्यूजी कैम्प्स में 38 ब्रिटिश बच्चे हैं। इसके अलावा 21 महिलाएं हैं। इन कैम्प्स में जन्में दो बच्चों को पिछले साल ब्रिटेन लाया गया था। इनकी काउंसलिंग की गई और अब जल्द ही कोई कपल इन्हें एडॉप्ट करेगा।
      • खास बात यह है कि बच्चों को गोद लेने वाले लोगों को साफ तौर पर ये बताया जाएगा कि इन बच्चों का जन्म कहां और किन हालात में हुआ और इनकी परवरिश कैसी हुई।
      • ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व डायरेक्टर रिचर्ड बेरेट ने पिछले दिनों कहा था- अगर सीरिया के कैम्प्स को बंद नहीं किया जाता तो ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। जिन लोगों या बच्चों को देश वापस लाया उन पर पैनी नजर रखनी होगी। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि वो इस मामले में हर केस को अलग-अलग देखेगी।


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