विश्लेषकों का कहना है कि अब अमेरिका के पड़ोसी सीधे चीन से बातचीत कर रहे हैं और उसके साथ समझौते कर रहे हैं। इस पोर्ट का असर यह हुआ है कि पेरू ने ताइवान से दूरी बनानी शुरू कर दी है जो अमेरिका का करीबी है। चीन ने इस पोर्ट को बनाने पर 3.5 अरब डॉलर की भारी भरकम धनराशि खर्च की है। इस पोर्ट को चीन की सरकारी कंपनी कोस्को ने बनाया है। यह पोर्ट अब पेरू की पूरी अर्थव्यवस्था को बदल सकता है। इससे अब लैटिन अमेरिका के कई देश जैसे चिली, इक्वाडोर, कोलंबिया और यहां तक कि ब्राजील भी सीधे चीन और एशिया के अन्य देशों से जुड़ गए हैं। चीन अब अपने विशालकाय जहाज इस पोर्ट पर भेज सकेगा और कम समय में सामान मंगा और भेज सकेगा।