मिजोरम में दूसरे विश्व युद्ध से पहले बना एक एयरपोर्ट है, जिसका नाम लेंगपुई एयरपोर्ट (Lengpui Airport) है। इस एयरपोर्ट को मित्र देशों की सेनाओं ने बनाया था। यह एक टेबलटॉप एयरपोर्ट है। इसके दोनों तरफ घाटियां हैं। इस एयरपोर्ट रनवे के नीचे पानी की धाराएं बहती हैं। बारिश के समय यह एयरपोर्ट काफी जोखिम भरा हो जाता है। इस एयरपोर्ट का रनवे पठार पर बना हुआ है। रनवे का आकार 2500 मीटर का है।
जम्मू-कश्मीर के लेह में एक टेबलटॉप एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट का नाम कुशोल बाकुला रिमपोची एयरपोर्ट (Kushol Bakula Rimpochee Airport) है। इस एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 3259 मीटर की ऊंचाई पर है। इस एयरपोर्ट पर प्लेन को उतारना काफी कठिन है। इस एयरपोर्ट रनवे के चारों तरफ पहाड़ और बर्फ देखने को मिलती है। कुशोल बाकुला रिमपोची एयरपोर्ट सबसे अधिक ऊंचाई पर होने के कारण काफी चर्चा में भी रहता है।
मैंगलोर एयरपोर्ट (Mangalore Airport) भी एक टेबलटॉप एयरपोर्ट है। मई 2010 में यहां एक बड़ी दुर्घटना हुई थी। इस दुर्घटना में एयर इंडिया का एक विमान टेबल-टॉप रनवे से आगे निकल गया था। यह विमान एक पहाड़ी से नीचे गिरने के बाद आग की चपेट में आ गया था। इस दुर्घटना में प्लेन पर सवार 166 लोगों में से केवल 8 ही जीवित बचे थे। इस हादसे का कारण पायलट की गलती बताया गया था।
केरल में भी एक काफी जोखिमभरा एयरपोर्ट है। इसका नाम कोझिकोड एयरपोर्ट (Kozhikode Airport) है। यह भी एक टेबलटॉप एयरपोर्ट रनवे है। इस एयरपोर्ट पर बड़ा विमान हादसा हो चुका है। दरअसल, लैंडिंग के समय एयर इंडिया का प्लेन रनवे से फिसल गया था। इससे विमान दो हिस्सों में टूट गया था। यह विमान दुबई से कालीकट आ रहा था। इस दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी।
गग्गल एयरपोर्ट (Gaggal Airport) का रनवे भी एक खतरनाक एयरपोर्ट रनवे है। गग्गल एयरपोर्ट हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में है। यह एयरपोर्ट 1200 एकड़ में बना है। इसका रनवे 2492 फीट की ऊंचाई पर है। इस रनवे पर विमान की लैंडिंग के समय पायलट को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है।