सवाल: सरकार इस स्थिति को कैसे बदल सकती है?
जवाब: पिछले 8 वर्षों में MBBS सीटों की संख्या दोगुनी हुई है। PG सीटें भी डबल हो गई हैं। भारत में जब हम डॉक्टरों, नर्सों और टेकनीशियंस के बारे में प्लानिंग करते हैं तो हमें दुनिया की जरूरतों को देखकर यह काम करना होगा। दुनिया में 8 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स की कमी है। कोई एक देश इस कमी को पूरा नहीं कर सकता। देश में हजारों सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल हैं, जो नैशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेज (NBE) के तहत PG ट्रेनिंग कराते हैं। हमें हर साल 100 स्टूडेंट्स दीजिए। इनके अलावा, देश में 710 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से हरेक में 100 सीटों की अलग से व्यवस्था की जाए और उन्हें जिला और तालुका लेवल के अस्पतालों से जोड़ा जाए। इस तरह से बिना किसी लागत के 71 हजार मेडिकल सीटें बढ़ जाएंगी।
जवाब: पिछले 8 वर्षों में MBBS सीटों की संख्या दोगुनी हुई है। PG सीटें भी डबल हो गई हैं। भारत में जब हम डॉक्टरों, नर्सों और टेकनीशियंस के बारे में प्लानिंग करते हैं तो हमें दुनिया की जरूरतों को देखकर यह काम करना होगा। दुनिया में 8 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स की कमी है। कोई एक देश इस कमी को पूरा नहीं कर सकता। देश में हजारों सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल हैं, जो नैशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेज (NBE) के तहत PG ट्रेनिंग कराते हैं। हमें हर साल 100 स्टूडेंट्स दीजिए। इनके अलावा, देश में 710 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से हरेक में 100 सीटों की अलग से व्यवस्था की जाए और उन्हें जिला और तालुका लेवल के अस्पतालों से जोड़ा जाए। इस तरह से बिना किसी लागत के 71 हजार मेडिकल सीटें बढ़ जाएंगी।