अब सरकारी नौकरी नहीं रही टाटा की जॉब! 38 कर्मचारियों की छुट्टी, जानिए क्या है मामला
Updated on
06-07-2023 07:42 PM
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप (Tata Group) की नौकरी को देश में सरकारी नौकरी की तरह देखा जाता है। इसकी वजह यह है कि टाटा ग्रुप से शायद ही किसी को कभी निकाला जाता है। कोरोना काल में जब दूसरी कंपनियों में बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया था तो रतन टाटा (Ratan Tata) ने इसका जमकर विरोध किया था। लेकिन हाल के दिनों में यह स्थिति बदल गई है। मार्केट कैप के हिसाब से टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस (TCS) ने घूस लेकर नौकरी देने के घोटाले में छह कर्मचारियों को निकाल दिया था। अब ग्रुप की एक और कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ने भी 38 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। इनमें से तीन कर्मचारियों पर सेक्सुअल मिसकंडक्ट का आरोप था। इन कर्मचारियों के बारे में कई शिकायतें मिली थीं। जांच के बाद इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। दरअसल टाटा ग्रुप ने हाल में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इससे कई दूसरी कंपनियों का कर्मचारी भी टाटा ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं।
टाटा स्टील और टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने 38 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इनमें से 35 कर्मचारियों को कंपनी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए निकाला गया है जबकि तीन के खिलाफ सेक्सुअल मिसकंडक्ट के कारण कार्रवाई की गई है। इन कर्मचारियों के खिलाफ अधिकारों का मिसयूज करने, हितों के टकराव और कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट एग्रीमेंट्स को नहीं मानने की शिकायतें मिली थीं। टाटा स्टील ने इन शिकायतों की जांच करने के बाद कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की।
क्यों बढ़ी शिकायतें
टाटा स्टील के शेयरहोल्डर्स की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है और ओपन कल्चर लाने के लिए अभियान चलाया है। कर्मचारी अपनी बात खुलकर कह सकते हैं। वे यौन उत्पीडन से लेकर कंपनी में नियमों के उल्लंघन के बारे में अपनी बात रख सकते हैं। हम लोगों को अपनी बात कहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इससे शिकायतों की संख्या बढ़ी है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में हमें 875 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 158 विसल ब्लोअर से संबंधित थी, 48 सेफ्टी से जुड़ी थी और 669 एचआर तथा व्यवहार से जुड़ी थीं।
चंद्रशेखरन ने कहा कि एक कंपनी के रूप में हम ग्लोबल बेंचमार्क हैं। इसलिए हम लगातार ऐसी संस्कृति विकसित करेंगे जहां हम उच्च नैतिक मूल्यों को बनाए रखेंगे और किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह ग्रुप की सभी कंपनियों में सेफ्टी के पहलुओं पर नजर रखने के लिए ग्रुप चीफ सेफ्टी ऑफिसर का पद बनाने पर विचार कर रहे हैं। तीन हफ्ते पहले ही टाटा स्टील के ओडिशा प्लांट में हुए हादसे में 18 लोग घायल हो गए थे। चंद्रशेखरन ने कहा कि ग्रुप की सभी कंपनियों में सेफ्टी पर फोकस किया जा रहा है और हमारा लक्ष्य ग्रुप में zero fatality हासिल करना है।
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