उत्तर बस्तर कांकेर। सुशासन तिहार-2025 आमजनता के लिए ‘खुशियों का तिहार‘ न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता का परिचायक बन रहा है, बल्कि इससे आमजन की छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान से उन्हें बड़ी राहत और संतोष भी मिल रहा है। यह पहल ग्राम स्तर पर सुशासन को मजबूत बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। सुशासन तिहार का सबसे बड़ा उद्देश्य ‘मौके पर समस्याओं का समाधान‘ पूर्ण होता परिलक्षित हो रहा है।
सुशासन तिहार के तहत भानुप्रतापपुर तहसील कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई और आवेदन निराकरण शिविर में ग्रामीणों को मौके पर ही लाभ मिल रहा है। इससे आमजन का प्रशासनिक तंत्र पर विश्वास अधिक मजबूत हुआ है। ग्राम नारायणपुर निवासी सरजू उईके ने बताया कि उनकी कृषि भूमि की पुरानी किसान-किताब अत्यंत जर्जर अवस्था में थी, जिससे उन्हें कई तरह की समस्याएं आ रही थीं। उइके ने सुशासन तिहार के पहले चरण में नया किसान किताब बनाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। प्रशासन की तत्परता और तहसीलदार भानुप्रतापपुर ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उनके आवेदन को त्वरित निराकृत किया गया और अनुविभागीय अधिकारी भानुप्रतापपुर जी.डी. वाहिले ने उन्हें तत्काल नयी किसान किताब सौंपी। किसान उईके ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि अब उन्हें अब खेती-किसानी के दस्तावेजों को लेकर किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि सुशासन तिहार से वाकई उनके जीवन में सुशासन आया है।
इसी तरह ग्राम खसगांव निवासी मंशाराम मंडावी ने अपनी भूमि खसरा नंबर 166, रकबा 1.02 हेक्टेयर के सीमांकन के लिए आवेदन दिया था। सुशासन तिहार के अंतर्गत उनके आवेदन पर शीघ्र कार्यवाही करते हुए राजस्व अमले के द्वारा आज मौके पर जाकर संबंधित भूमि का सीमांकन किया गया। सीमांकन के बाद मंशाराम मंडावी सहित पड़ोसी कृषक के चेहरे पर संतुष्टि के भाव परिलक्षित हो रहे थे। किसान मंशाराम ने फौरी कार्रवाई पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा- ‘बिना किसी भागदौड़ के मेरी जमीन की समस्या का समाधान हुआ है, इसके लिए मंशाराम ने राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।