अमेरिका में भारतीयों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के 12 राज्यों में भारतवंशियों के लिए विशेष आयोग बनाया गया है। इसमें भारतीयों के खिलाफ हेट क्राइम के मामलों की विशेष रूप से सुनवाई होगी। 20 करोड़ रुपए की पहली किस्त का फंड आयोगों को दिया है।
अमेरिका के 50 लाख भारतीयों में से 30 लाख विशेष आयोग वाले 12 राज्यों में रहते हैं। भेदभाव के मामलों का अब तेजी से निपटारा हो सकेगा।
न्यूयॉर्क समेत कैलिफोर्निया, मैरीलैंड और मिशिगन जैसे राज्यों में बनाए गए विशेष आयोग को उच्चाधिकार प्रदान किए गए हैं। इन आयोगों को न्यायिक शक्तियां भी दी गई हैं। आयोग भारतीयों की सुरक्षा के मुद्दे के साथ-साथ सांस्कृतिक हितों का भी ध्यान रखेगा।
हिंदी के पाठ्यक्रम को स्कूलों में पढ़ाने को भी आयोग सुनिश्चित करेगा
स्कूलों में भारतीय प्रवासियों के इतिहास के कोर्स को आयोग जांच सकेंगे। अमेरिका में हिंदी, बांग्ला, गुजराती और तमिल के पाठ्यक्रम को स्कूलों में पढ़ाने को भी आयोग सुनिश्चित करेगा। भारतीयों के लिए विशेष आयोगों को बनाया जाना इसलिए भी अहम है, क्योंकि अमेरिका में रहने वाले किसी भी अन्य प्रवासी समुदाय के लिए ऐसा आयोग नहीं बनाया गया है। जबकि अमेरिका में रहने वाले चीनी मूल और अन्य यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी और फ्रांस के लोग ऐसे आयोग के लिए पिछले काफी समय से मांग कर रहे हैं।
कोरोना के बाद बढ़े हेट क्राइम के मामले
कोरोना काल के बाद भारतीयों के खिलाफ हेट क्राइम के मामलों में कई गुना इजाफा हुआ है। वर्कप्लेस में भी भारतीयों से भेदभाव के मामले सामने आए। प्यू रिसर्च के अनुसार पुलिस सिक्योरिटी जांच के नाम पर पिछले दो साल में भारतीयों के साथ नस्ल के आधार पर भेदभाव के मामले 25% से अधिक बढ़े हैं। विशेष आयोग को पुलिस के हाथों होने वाले भेदभाव के मामलों की प्राथमिक सुनवाई का अधिकार दिया गया है।
‘भारतीय आदर्श प्रवासी, इकोनॉमी में इनका अहम रोल’
न्यूयॉर्क स्टेट असेंम्बली की सदस्य जेनिफर राजकुमार का कहना है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को ‘आदर्श प्रवासी’ कहा जाता है। अमेरिकी इकोनॉमी में भारतीयों का अहम रोल है। भारतीयों के लिए 13 सदस्यों वाला विशेष आयोग बनाना अमेरिका में ऐतिहासिक कदम है।