मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सेबी का नोटिस इस बात पर केंद्रित है कि शर्मा को कंपनी का प्रमोटर बताया जाना चाहिए था और यह बोर्ड के सदस्यों की ड्यूटी थी कि वे शर्मा के दावों को वेरिफाई करते। सेबी ने पेटीएम के आईपीओ के तीन साल बाद उसके खिलाफ एक्शन लिया है। सेबी कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के बारे में तबसे जानता था जब कंपनी ने 2021 में डॉक्यूमेंट फाइल किए थे। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म्स ने भी इस बारे में सेबी को आगाह किया था। लेकिन सेबी ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक मामले के बाद ही कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की। पेटीएम के शेयर का इश्यू प्राइस 2150 रुपये था लेकिन यह कभी भी उसके आसपास नहीं पहुंच पाया।