राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे होने पर संघ की ताकत को और मजबूत बनाने का काम किया जाएगा। शताब्दी वर्ष में संघ का उद्देश्य उत्सव मनाना नहीं हैं, बल्कि आत्मचिंतन करना है। इस साल प्रांत के सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। हर मंडल और बस्ती तक संघ के काम की पहुंच होनी चाहिए।
मध्य भारत प्रान्त में तीन वर्षों से संघ का कार्य बढ़ रहा है। शताब्दी वर्ष में हमने पूर्ण प्रान्त का लक्ष्य लिया है। वर्तमान में 1814 में से कुल 1662 मंडल संघ कार्य युक्त हैं। पिछले वर्ष के प्रान्त में कुल 3072 शाखाएं लग रही थीं, जो बढ़कर 3674 हो गयी हैं।
यह बातें राजधानी के शारदा विहार में 14 व 15 जून को हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत की प्रांतीय बैठक में प्रांत कार्यवाह हेमंत सेठिया ने कहीं। सेठिया ने कहा कि शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर कार्यकर्ताओं ने मंडल और बस्ती तक संघ कार्य को पहुंचाने के प्रयास किए हैं। इन प्रयासों को और बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही स्वयंसेवक सेवाकार्य भी चला रहे हैं।
शताब्दी वर्ष संघ के कार्य विस्तार एवं उसे मजबूत करने पर पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं हैं, बल्कि आत्मचिंतन करना है। संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना हैं। शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लें।
बैठक में संघ कार्य की स्थिति की समीक्षा की गई और शताब्दी वर्ष की तैयारियों की चर्चा की गई। प्रान्त बैठक में प्रान्त कार्यकारिणी, विभाग कार्यकारिणी और जिला टोली शामिल रहती हैं। इस प्रकार लगभग 550 दायित्व वान कार्यकर्ता बैठक में शामिल रहें। इस अवसर पर प्रान्त संघचालक अशोक पांडेय एवं सह-प्रान्त संघचालक डॉ. राजेश सेठी भी उपस्थित रहे।
बैठक में दिवंगत कार्यकर्ताओं, अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत यात्रियों के प्रति मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
प्रांत में ऐसे चल रहीं संघ की शाखाएं
संघ शिक्षा वर्गों में संघ कार्य का प्रशिक्षण
संघ प्रतिवर्ष संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन करता है। इसके अंतर्गत तीन दिन के 128 प्रारंभिक वर्ग आयोजित किए गए, जिनमें 6900 स्वयंसेवक शामिल हुए। 7 दिन की अवधि के 44 प्राथमिक वर्गों में 2251 स्वयंसेवक शामिल हुए। 8 विभिन्न संघ शिक्षा वर्गों में कुल 1112 स्वयंसेवकों ने संघ कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया।