मध्यप्रदेश में विधायकों की समिति अब सरकार के अलग-अलग विभागों में चल रही बड़ी परियोजनाओं के निर्माण और उनके काम में अवरोध की जानकारी भी ले रही है। साथ ही विभागों में अधिकारियों के विरुद्ध कोर्ट में अवमानना के मामले में तेजी आने की वजह भी पूछी जा रही है।
वहीं, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में दर्ज केस के निराकरण में देरी के बारे में भी जानकारी तलब की गई है। ऐसे विभाग के प्रदेश के जिलों में भवन नहीं होने तथा जनता और विभाग के बीच कोआर्डिनेशन को लेकर भी रिपोर्ट तलब की गई है। ऐसे ही एक विभाग जल संसाधन को 19 बिंदुओं पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
विधानसभा की प्राक्कलन समिति द्वारा मांगी गई जानकारी के बाद अब जल संसाधन विभाग ने जिलों से और राज्य कार्यालय से संबंधित बिन्दुओं पर रिपोर्ट तैयार कराना शुरू कर दिया है। इस विभाग से पूछा है कि न्यायालयों में न्यायालयीन प्रकोष्ठ के अंतर्गत 2022 की स्थिति में लंबित अवमानना के कुल 380 मामले थे जो दिसंबर 2024 में 406 और लंबित रिट याचिका के वर्ष 2022 में 2737 प्रकरण थे जो दिसंबर 2024 में 3277 हो गए। इन प्रकरणों की संख्या में वृद्धि के कारण और इसके निराकरण के लिए किए जा रहे उपाय बताएं।
इसके अलावा लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में दर्ज केस पेंडिंग रहने के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों ने एक माह में इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार कर देने को कहा है ताकि विधानसभा की कमेटी को जानकारी दी जा सके।
प्राक्कलन समिति ने मांगी यह जानकारी
तीन साल में कौन से परियोजनाएं पूरी हुईं, कितनी निर्माणाधीन?
लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में दर्ज 43 केस के मामले में क्या हुआ
न्यायालय में अवमानना के मामले क्यों बढ़ रहे बताएं