मोदी सरकार ने हाल के वर्षों में खाने-पीने की चीजों की महंगाई रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इनमें गेहूं, गैर-बासमती चावल, चीनी और प्याज के निर्यात पर पाबंदी शामिल है। साथ ही दालों और खाद्य तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की गई है। ट्रेडर्स और रिटेलर्स के लिए गेहूं और दालों की भंडारण सीमा निर्धारित की गई है। लेकिन इन उपायों से खाने-पीने की चीजों की महंगाई को कम करने में मदद नहीं मिली है। खासकर गेहूं, दाल और सब्जियों की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई है। शायद यही महंगाई बीजेपी को इस बार भारी पड़ी और वह लगातार तीसरी बार अपने दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रही।