फिलीपींस ने दिया चीन को बड़ा झटका, बीआरआई से किया किनारा, मनीला को ड्रैगन की नीयत पर शक
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03-11-2023 02:25 PM
मनीला: फिलीपींस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बड़ा झटका दिया है। देश ने फैसला किया है कि अब उन तीन रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए चीन से वित्तीय मदद नहीं ली जाएगी जो पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे के प्रशासन के तहत साइन हुए थे। ये वो प्रोजेक्ट्स हैं जो बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के तहत साइन किए गए थे। पिछले दिनों फिलीपींस की राजधानी मनीला में जर्मनी और फिलीपीन के व्यापारियों के साथ बात करते हुए देश के परिवहन मंत्री जैमे बॉतिस्ता ने इस पर बड़ा बयान दिया है। इस फैसले को जिनपिंग के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
चीन की कोई दिलचस्पी नहीं फिलीपींस ने इस प्रोजेक्ट से बाहर निकलने का फैसला ऐसे समय में किया है जब पहले ही कुछ देश इससे पीछे हट रहे हैं। देश के परिवहन मंत्री जैम बॉतिस्ता की मानें तो चीन की साफ तौर पर इन परियोजनाओं में अब कोई दिलचस्पी नहीं है। बेनारन्यूज ने बॉतिस्ता के हवाले से लिखा है, 'हमारे पास तीन परियोजनाएं हैं जिन्हें अब चीनी सरकार की तरफ से वित्त पोषित नहीं किया जाएगा। हम हमेशा के लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं और ऐसा लगता है कि चीन की अब इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।' बॉतिस्ता ने बताया कि उनकी सरकार अब फंडिंग के बाकी स्रोतों की तलाश कर रही है। फिलीपींस सीनेट की मानें तो देश में चीन की करीब हर प्रमुख निवेश पहल अब आर्थिक और राजनीतिक दोनों वजहों से संदेह में हैं।
कौन-कौन सी परियोजनाएं जो तीन परियोजनाएं चीन की मदद से संचालित होनी थीं उनमें से पहली 2.5 अरब डॉलर वाली रेलवे परियोजना थी। इसके तहत मनीला के दक्षिण में कैलाम्बा शहर से लुजोन के दक्षिणी छोर पर बिकोल प्रांत तक 380 किलोमीटर तक ट्रैक का निर्माण होना था। दूसरी परियोजना जो 1.45 अरब डॉलर वाली थी उसके तहत दक्षिणी फिलीपींस में मिंडानाओ में 100 किलोमीटर की कम्यूटराइज्ड रेलवे लाइन बिछाना था। तीसरी परियोजना को सबसे प्रतीकात्मक माना गया था। इसके तहत सुबिक बे फ्रीपोर्ट जोन और क्लार्क फ्रीपोर्ट जोन के दो प्रमुख केंद्रों को जोड़ने वाली 71 किलोमीटर वाले माल ढुलाई ट्रैक का निर्माण करना था। यह परियोजना 896 मिलियन डॉलर वाली थी। जिस जगह पर इसका निर्माण हो रहा था, वह कभी अमेरिका का मिलिट्री बेस था।
चीन के लिए क्यों है बुरी खबर चीन के लिए यह एक बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि अक्टूबर में जब बीआरआई के 10 साल पूरे होने के मौके पर सम्मेलन का आयोजन हुआ था तो फिलीपींस राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर 23 नेताओं में शामिल होने वाले एक नेता थे। बीआरआई एक खरब अमेरिकी डॉलर वाला एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जिस पर चीन की काफी उम्मीदें टिकी हुई हैं। शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने करीब 100 बिलियन डॉलर का ऐलान परियोजनाओं के लिए किया था। पिछले महीने एक श्वेत पत्र में, चीन ने कहा था कि बीआरआई का अंतिम लक्ष्य साझा भविष्य के वैश्विक समुदाय के निर्माण में मदद करना है। इस पूरे घटनाक्रम को फिलीपींस और चीन के संबंधों में बड़ी गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डुटर्टे के छह साल के कार्यकाल में चीन और फिलीपींस काफी करीब आ गए थे।
दक्षिण चीन सागर पर बढ़ेगा तनाव जिस समय डुटर्टे फिलीपींस के राष्ट्रपति थे तो उनके समय चीन ने बड़े स्तर पर कई तरह से कूटनीति को अंजाम दिया। उन्हीं के कार्यकाल में दक्षिण चीन सागर में कई तैनाती रियायतें शामिल थीं। चीन ने डुटर्टे के प्रशासन में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 24 बिलियन डॉलर से ज्यादा का वादा किया था। फिलीपींस को इस निवेश में अभी तक कुछ नहीं मिला है। मार्कोस जूनियर का बीआरआई से हाथ खींचना बताता है कि अब दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्रों पर भी विवाद गहरा सकता है। हाल ही में, मार्कोस जूनियर प्रशासन ने सेकेंड थॉमस शोल पर और उसके आसपास फिलीपींस के रि-सप्लाई और पेट्रोलिंग मिशन पर चीन की आक्रामकता को उत्पीड़न बताते हुए नाराजगी जताई है। यह वह जगह है जहां पर फिलीपींस के सैनिक एक जहाज पर रहते हैं।
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