नितिन गडकरी ने अपनी ही सरकार से कर दी टैक्स हटाने की मांग, जानिए क्या है मामला
Updated on
31-07-2024 05:54 PM
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाला जीएसटी वापस लेने की मांग ही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में गडकरी ने कहा कि इस कदम से बीमा कंपनियों पर टैक्स का बोझ कम करेगा और देश में महत्वपूर्ण बीमा उत्पादों की मांग को बढ़ावा मिलेगा। नागपुर LIC यूनियन की ओर से सीतारमण को पत्र लिखते हुए गडकरी ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगाया जाने वाला इनडायरेक्ट टैक्स जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है। अभी लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर गड़करी ने सीतारमण को लिखे पत्र में कहा कि नागपुर डिवीजनल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एम्प्लाइज यूनियन, नागपुर ने मुझे इंश्योरेंस इंडस्ट्री से संबंधित मुद्दों के बारे में एक ज्ञापन सौंपा है और इसे आपके समक्ष उठाने की मांग की है। यूनियन द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर GST वापस लेने से संबंधित है। जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा है। संघ का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उसके प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी इस बिजनस के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है।
समिति की सिफारिश
एडीबी की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में भारत एशिया प्रशांत देशों में सबसे निचले स्थान पर है। इससे साफ है कि देश में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढ़ाने की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि सरकार को लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करना चाहिए। बीमा उत्पादों के लिए जीएसटी पर संसदीय पैनल ने सिफारिश की है कि बीमा उत्पादों, विशेष रूप से स्वास्थ्य और टर्म बीमा पर जीएसटी को तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है। पैनल ने यह भी सुझाव दिया कि आरबीआई सरकार की ओर से बीमा उद्योग की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 'ऑन-टैप' बॉन्ड जारी कर सकता है। इसके 40-50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
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