भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे (72) की पाकिस्तान में मौत हो गई है। वह प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख था। रोडे जरनैल सिंह भिंडरांवाले का सगा भतीजा था।
रोडे की 2 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने उसकी मौत की पुष्टि की। एक निजी न्यूज एजेंसी से बातचीत में जसबीर सिंह रोडे ने कहा- भाई के बेटे द्वारा उन्हें सूचित किया गया है कि लखबीर की पाकिस्तान में मौत हो गई है।
भारत सरकार ने लखबीर सिंह रोडे को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। जिसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया था। 2021 में पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में भी आतंकी लखबीर सिंह रोडे का नाम सामने आया था।
पंजाब में तैयार कर रहा था स्लीपर सेल
खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे पंजाब में स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। इसने अमृतसर में बॉर्डर के रास्ते ग्रेनेड और टिफिन बम भी भिजवाए थे। रोडे की मदद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI कर रही थी। आतंकी रिंदा भी रोडे के टच में था।
कुछ दिन पहले पंजाब की एजेंसियों ने खुलासा किया था कि रोडे ने पंजाब में करीब 70 स्लीपर सेल तैयार किए हैं। एक स्लीपर सेल में 2-3 लाेग शामिल थे। एजेंसियों ने खुलासा किया था कि इनमें कुछ स्लीपर सेल ऐसे थे, जोकि अभी तक सक्रिय नहीं हुए थे।
भारत का माहौल खराब करना चाहता था आतंकी
भारतीय एजेंसियां पहले ही खुलासा कर चुकी थी कि आतंकी लखबीर सिंह रोडे भारत के भीड़-भाड़ वाले एरिया में ब्लास्ट करवाने की साजिश रच रहा था। पंजाब में कुछ स्लीपर सेल ऐसे थे, जिन्हें दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखने और उससे जुड़े पोस्टर चिपकाने का काम सौंपा गया था। दीवारों पर नारे लिखने और पोस्टर चिपकाने वाले स्लीपर सेल के मेंबरों काे 5 से 20 हजार रुपए तक दिए जाते थे। पैसों का लेन-देन पंजाब में ही हाथों हाथ हाेता था।
स्लीपर सेल के मेंबर एक-दूसरे काे जानते तक नहीं
पंजाब पुलिस ने खुलासा किया था कि आतंकी रोडे ने स्लीपर सेल टीमों में 150 से अधिक मेंबर बना लिए थे। स्लीपर सेल में कोई भी मेंबर एक-दूसरे काे जानता नहीं था। न ही किसी के पास स्लीपर सेल के मेंबर का नंबर है। जब भी हथियारों की खेप आती ताे इसकी जानकारी 1 या 2 स्लीपर सेल के मेंबरों काे ही होती है, जबकि अन्य मेंबर इसके बारे में अनजान रहते हैं।
बीते दिन NIA जब्त की थी संपत्ति
पंजाब के मोगा में बीते दिन भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम ने आतंकी लखबीर रोडे की करीब 43 कनाल जमीन सील कर दी थी। NIA अपने साथ पुलिस की टीम लेकर पहुंची थी। वहीं पंजाब सरकार ने भी उन्हें ट्रेंड कमांडों दिए थे। टीम के आने की सूचना के बाद काफी संख्या में निहंग मौके पर पहुंच गए थे।
बता दें कि अब खालिस्तानियों के तीन चेहरे उभर कर सामने आ रहे हैं। तीनों भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हुए हैं। वहीं, SFJ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू पर भी भारतीय एजेंसियों की नजर है।
कौन था लखबीर सिंह रोडे
लखबीर सिंह रोडे प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) का स्वयंभू प्रमुख था। ISYF के अलावा रोडे भारत में प्रतिबंधित संगठन KLF (खालिस्तान लिबरेशन फोर्स) का भी नेतृत्व कर रहा था।
इसके अलावा रोडे भारत-नेपाल सीमा के पास खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स सेल का प्राथमिक आयोजक भी था। उसने कई बार कबूल किया है कि वह भारत पर हमले करने के लिए पाकिस्तानी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा था।
पंजाब पुलिस की जांच में ये भी पता चला था कि आतंकी रोडे ने ही 23 जून 1985 को एयर इंडिया 182 बम विस्फोट करवाया था। रोडे भारत के प्रमुख लोगों की टारगेट किलिंग करवाने में भी शामिल था। उसने पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या करने की भी साजिश रचि थी। जिसे पंजाब पुलिस ने नाकाम कर दिया था।
रोडे का बेटा हो सकता है KLF का प्रमुख
आतंकी लखबीर सिंह रोडे का बेटा भी आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। लखबीर सिंह रोडे का बेटा भग्गू बराड़ फिलहाल कनाडा में शरण लिए हुआ है। वह भी पंजाब में आतंकी गतिविधि करवाने में रुचि रखता है। पहले वह अपने पिता के कहने पर काम करता था। बराड़ हथियारों और विस्फोट के लिए सामग्री इकट्ठा करवाकर भारत में भेजता था। चर्चा है कि KLF का प्रमुख अब भग्गू बराड़ हो सकता है।
अब तक 5 खालिस्तानी आंतकियों की मौत
कुछ समय में 5 खालिस्तानी आतंकियों की में मौत हो चुकी है। इनमें 3 की हत्या हुई, जबकि 2 बीमारी से मरे हैं। इनमें लखबीर रोडे समेत हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा, परमजीत पंजवड़ और रिपुदमन सिंह मलिक शामिल है।आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत सरकार पर लगा था। वहीं, कनाडाई सरकार ने निज्जर की हत्या को लेकर भारत सरकार पर ही सवाल उठा दिए थे।
निज्जर ने देखा था खालिस्तान बनाने का सपना
इस समय हरदीप सिंह निज्जर का नाम सबसे चर्चित है। निज्जर मरने से पहले तक खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ बनकर घूम रहा था। उसका सपना भारत को तोड़कर अलग देश बनाने का था। पंजाब के जालंधर जिले के गांव भारसिंहपुर में निज्जर का जन्म हुआ था। वह लंबे समय से कनाडा में रह रहा था। हरदीप सिंह निज्जर पंजाब में टारगेट किलिंग करवाता था।
18 जून को सरी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर कार में उसे अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार दी गई। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि यह हत्या खालिस्तानी आतंकियों की आपसी रंजिश और बीते समय में मारे गए आतंकी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का बदला है, लेकिन खालिस्तान समर्थक और कनाडा सरकार ने इस पर विश्वास किए बिना भारत पर आरोप लगाए थे।
भारतीय झंडे का अपमान करने वाले खांडा की मौत
भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक नेता अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन में मौत हो गई थी। यह वही आतंकी खांडा है, जिसने भारतीय दूतावास से तिरंगा उतारकर अपमान किया था। सूत्रों के मुताबिक वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था और उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। खालिस्तान समर्थकों ने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उसे जहर देकर मारा है।
आतंकी पंजवड़ को पाकिस्तान में गोली मारी गई थी
4 महीने पहले पाकिस्तान के लाहौर में आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की गोलियां मार हत्या कर दी गई थी। खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख बनने के साथ ही वह बीते 33 सालों से पाकिस्तान में शरण लिए हुए था। यहां उसने अपना नाम सरदार मलिक सिंह रखा हुआ था।