पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मप्र में टमाटर और सब्जी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की मांग की है।
पटवारी ने कहा- मध्य प्रदेश के छतरपुर में टमाटर का भाव 3 से 4 रुपए किलो तक गिर गया है, जिससे किसानों को न सिर्फ लागत से कम दाम मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें सिंचाई तक रोकनी पड़ी है। खेतों में पकी हुई फसल को किसान अब सड़ा रहे हैं या मवेशियों को खिला रहे हैं। सरकार यदि ईमानदारी से पड़ताल करे तो इस तरह की स्थिति मध्य प्रदेश के मालवा, निमाड़ और बुंदेलखंड के कई जिलों में भी हो सकती है।
टमाटर उत्पादकों को सही दाम नहीं मिलता पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि टमाटर से जुड़ा यह संकट नया नहीं है, यह मप्र के किसानों की प्रदेशव्यापी समस्या है। क्योंकि, टमाटर उत्पादकों के साथ मप्र में बार-बार सरकारी अन्याय हो रहा है। टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, दमोह, रतलाम, मंदसौर, धार सहित कई जिलों में किसान हर साल टमाटर उपजाते हैं, लेकिन उन्हें सही बाजार, मूल्य और संरक्षण नहीं मिल पाता।
प्रोसेसिंग यूनिट्स नहीं होने के कारण किसानों को अपनी उपज सस्ते में बेचना या नष्ट करना पड़ता है। चिंताजनक यह है कि सरकार के पास न नीति है और न ही कोई भाव नियंत्रण योजना।
जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार से पांच मांग की
गेहूं, धान, सोयाबीन के किसानों की भी सुनवाई हो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि धान की खरीदी में भ्रष्टाचार, तौल मशीनों की कमी और दलालों का दखल आम बात है। सोयाबीन के एमएसपी की तुलना में बाजार मूल्य लगातार कम है और बोनस योजनाएं भी अधूरी हैं।
ई-उपार्जन पोर्टल बार-बार ठप हो रहा है, किसान लाइन में खड़े होकर अपमानित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि गेहूं के लिए ₹2700, धान के लिए ₹3100 और सोयाबीन के लिए ₹6000 प्रति क्विंटल को कब से लागू किया जाएगा?