मध्यप्रदेश में सभी सरकारी कॉलेज दो शिफ्ट में लगेंगे। वहीं सभी कॉलेजों की स्टेट लेवल पर ग्रेडिंग भी होगी। हर संभाग में युवाओं को ज्ञान बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जाएगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में समत्व भवन में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम भी आवश्यकतानुसार जारी रहे। इससे विद्यार्थियों को बिना किसी बाधा के शिक्षा पूरी करने में आसानी होगी। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हम विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति को उनके क्रेडिट स्कोर से जोड़ रहे हैं, इससे स्टूडेंट्स की उपस्थिति बढ़ रही है।
सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य और टीचर को मिलेगा पुरस्कार
सीएम ने कहा कि तीन श्रेणियों में क्रमश: सर्वश्रेष्ठ कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य एवं सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के पुरस्कार देने की परम्परा प्रारंभ करें। युवा शक्ति को मार्गदर्शन देने के लिए प्रदेश के युवाओं का कुंभ कराया जाए। इसे ज्ञान महाकुंभ नाम दिया जाए। साल भर में कम से कम एक बार कॉलेजों में बड़े वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया जाए। विद्यार्थियों के साथ उनका जीवंत संवाद एवं समूह चर्चा आयोजित की जाए।
रिसर्च को बढ़ावा देने कॉलेजों में बनेंगे सेंटर मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को भारतीय ज्ञान परंपराओं पर आधारित रोजगार परक शिक्षा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के विज्ञान और तकनीक संबंधी ज्ञान में वृद्धि होगी। महाविद्यालयों में रिसर्च सेंटर स्थापित कर रिसर्च वर्क को भी प्रोत्साहन दिया जाए। प्रदेश के सभी ऐसे क्षेत्रों में, जहां नए कॉलेज खोलने की अत्यंत आवश्यकता है, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में, वहां अधिकाधिक कॉलेज खोले जाएं।
कॉलेजों में संचालित करें बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश के अधिकाधिक महाविद्यालयों में बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम संचालित किए जाएं। इससे विद्यार्थियों की कृषि एवं कृषि आधारित प्र-संस्करण उद्योगों में रुचि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए अब तक चयनित सभी कॉलेजों में इसी सत्र से बीएससी (कृषि) पाठ्यक्रम की पढ़ाई प्रारंभ करें।
प्रदेश के सभी 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस संचालित हैं। इनमें से 37 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस कॉलेजों एवं 5 यूनिवर्सिटी में 7 प्रकार के रोजगार आधारित डिग्री एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में करीब 1200 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सीएम ने पीएम श्री उत्कृष्टता महाविद्यालयों में अब तक की प्रगति और विकास की जानकारी ली।
लोक सेवा आयोग से ही कराएं प्राध्यापकों की भर्ती सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही की जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के अंतर्गत सेमेस्टर के माध्यम से परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की टास्क फोर्स/शीर्ष समिति की बैठक में दिए गए निर्देशों का अक्षरशः: पालन करें। विश्व बैंक प्रोजेक्ट में महाविद्यालय में कंप्यूटर लैब और अन्य सभी जरूरी विकास कार्य कराए जाएं।