इजराइली सेना ने गाजा में कई फिलिस्तीनियों को बंधक बनाया है। इजराइल इन्हें हमास आतंकी कह रहा है। दावा किया जा रहा है कि इन्होंने सरेंडर किया है। इनके शरीर पर कपड़े नहीं है। लोग सिर्फ अंडर गारमेंट्स में नजर आ रहे हैं। इनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है और हाथ पीछे की तरफ बंधे हैं।
हमास के जिन आतंकियों के सरेंडर का दावा किया जा रहा है, उनकी सही संख्या सामने नहीं आ सकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सरेंडर जाबेलिया इलाके में हुआ है।
वहीं, अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक शख्स ने यहूदी मंदिर के बाहर गोलीबारी की। पुलिस ने बताया कि इस दौरान वो 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगा रहा था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना में फिलहाल किसी के घायल होने या मौत की खबर नहीं है। गवर्नर कैथी होचुल ने कहा- आरोपी की उम्र 28 साल है। वो स्थानीय निवासी है और गाजा पर हो रहे इजराइली हमलों से दुखी था।
नेतन्याहू की धमकी- बेरूत को गाजा बना देंगे
लेबनान से इजराइल पर हमले तेज हो गए हैं। गुरुवार को फिर लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने एंटी टैंक मिसाइलें इजराइली क्षेत्र में दागीं। इनमें एक आम नागरिक की मौत हो गई।
इस बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह को धमकी दी। उन्होंने कहा- अगर लेबनान की तरफ से हो रहे हमले नहीं रुके तो इजराइली सेना राजधानी बेरूत को गाजा की तरह ताबह कर देगी। दरअसल, हमास के हमले के एक दिन बाद यानी 8 अक्टूबर से ही लेबनान की तरफ से इजराइल पर हमले हो रहे हैं।
जंग में पूर्व सेना प्रमुख के बेटे की मौत
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, गाजा में जारी जमीनी ऑपरेशन के दौरान मास्टर सार्जेंट गैल मीर ईसेनकोट की मौत हो गई। 25 साल के मीर इजराइल के वॉर कैबिनेट मंत्री गाडी ईसेनकोट के बेटे थे। मंत्री गाडी ईसेनकोट पूर्व आर्मी चीफ थे।
गाजा में अब तक 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए
हमास के कब्जे वाले गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार रात दावा किया कि इजराइली हमलों में अब तक कुल 17 हजार 177 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 46 हजार लोग घायल हुए हैं। बुधवार से गुरुवार के दरमियान 350 लोगों की मौत हुई और 1900 लोग घायल हुए हैं।
इजराइली नागरिक की मौत
लेबनान की जमीन से आतंकी संगठन हिजबुल्लाह लगातार इजराइल पर मिसाइल हमले कर रहा है। गुरुवार को मतात इलाके में ऐसा ही एक हमला हुआ और इसमें एक इजराइली नागरिक मारा गया। मारे गए इजराइली की उम्र करीब 60 साल थी।
इस हमले के बाद इजराइली एयरफोर्स ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि दक्षिणी लेबनान में किए गए हमलों में हिजबुल्लाह को कितना नुकसान हुआ।
इजराइली सैनिक के ऑर्गन्स ने चार लोगों की जान बचाई
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास के खिलाफ जंग में जान गंवाने वाले एक इजराइली सैनिक के अंगदान की वजह से चार लोगों को नई जिंदगी मिली है।
मारे गए सैनिक का नाम एल्नेव एमैनुएल है। उसकी उम्र 22 साल थी। एल्नेव 5 दिसंबर को गाजा में घायल हुआ था। अगले दिन यानी 6 दिसंबर को उसका निधन हो गया। परिवार ने इजराइल के नेशनल ट्रांसप्लांट सेंटर को जानकारी दी कि वो एल्नेव के ऑर्गन्स डोनेट करना चाहते हैं।
एल्नेव का दिल और फेफड़े एक अज्ञात शख्स को लगाए जा चुके हैं। लिवर 53 साल की महिला में ट्रांसप्लांट किया गया। किडनी और पैनक्रियाज 45 साल की महिला को लगाए गए।
अल जजीरा के पत्रकार का परिवार मारा गया
गाजा में जारी इजराइली हमलों में ‘अल जजीरा’ टीवी चैनल के पत्रकार मोआमिन अल शराफी के परिवार के 22 सदस्य मारे गए हैं। टीवी चैनल के मुताबिक शराफी का परिवार गाजा के जाबेलिया शहर के अपने घर में मौजूद था। इसी दौरान इजराइली फाइटर जेट्स ने वहां बम बरसाए।
मारे गए परिजनों में शराफी के पेरेंट्स, भाई-बहन और पत्नी शामिल हैं। उनका एक भतीजा और भतीजी भी मारे गए हैं। शराफी के मुताबिक हमले के बाद वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया। बमबारी की वजह से सिविल डिफेंस का कोई मेंबर वहां नहीं पहुंच सका। हम उन्हें अंतिम विदाई भी नहीं दे सके। घटना बुधवार सुबह की बताई गई है। जंग में अब तक 94 पत्रकारों की मौत हो चुकी है।
'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।