गाजा में हमास के खिलाफ जंग लड़ रहे एक भारतीय मूल के इजराइली सैनिक गिल डैनियल्स की मौत हो गई है। इजराइली सेना ने इसकी पुष्टि की है। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाला 34 साल का गिल 10 अक्टूबर से जंग में शामिल था। एक महीने पहले ही उसकी सगाई हुई थी।
दूसरी तरफ, इजराइल की डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने गाजा में कुरान की आयतें लिखें पर्चे गिराए हैं। पर्चों में लिखा है- जब वो गलत काम में शुमार थे, उस वक्त उन्हें बाढ़ का सामना करना पड़ा। यरुशलम पोस्ट के मुताबिक ये कुरान के 29वें चैप्टर के सुरा अल- अनकाबुत की 14वीं आयत में लिखा है। इसका मतलब ये निकाला जा रहा है कि जो गलत काम करेंगे उन्हें सजा मिलेगी। पर्चे अरबी भाषा में लिखे गए हैं।
अल जजीरा के पत्रकार का परिवार मारा गया
गाजा में जारी इजराइली हमलों में ‘अल जजीरा’ टीवी चैनल के पत्रकार मोआमिन अल शराफी के परिवार के 22 सदस्य मारे गए हैं। टीवी चैनल के मुताबिक- शराफी का परिवार गाजा के जाबेलिया शहर के घर में मौजूद था। इसी दौरान इजराइली फाइटर जेट्स ने वहां बम बरसाए। मारे गए परिजनों में शराफी के पेरेंट्स, भाई-बहन और पत्नी शामिल हैं। उनका एक भतीजा और भतीजी भी मारे गए हैं। शराफी के मुताबिक- हमले के बाद वहां एक बड़ा गड्ढा बन गया। बमबारी की वजह से सिविल डिफेंस का कोई मेंबर वहां नहीं पहुंच सका। हम उन्हें अंतिम विदाई भी नहीं दे सके।
हमास ने जंग रोकने के लिए पाकिस्तान की मदद मांगी
हमास ने इजराइल के साथ जंग रोकने में पाकिस्तान से मदद मांगी है। इस्लामाबाद पहुंचे हमास चीफ इस्माइल हानिए ने कहा- पाकिस्तान बहादुर देश है। ये मुजाहिदीन की जमीन है। इस्लाम के लिए लड़ने वालों को मुजाहिदीन कहा जाता है। पाकिस्तान की जियो न्यूज के मुताबिक हानिए ने कहा- अगर पाकिस्तान चाहे तो वो इजराइली हमले रुकवा सकता है। वो हमें सपोर्ट कर सकता है।
इधर, इजराइली सेना का कहना है कि सैनिकों ने गाजा के स्कूलों और अस्पतालों से हथियार बरामद किए हैं। इसका एक वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में सैनिक स्कूल से मिसाइलें, ग्रेनेड, बंदूकें निकालते दिख रहे हैं।
वहीं, अल जजीरा के मुताबिक गाजा में कोई भी सुरक्षित जगह नहीं बची है। यहां सीजफायर खत्म होने के बाद एक बार फिर मदद पहुंचना बंद हो गई है। एक फिलिस्तीनी महिला ने कहा- कोई बेकरी या सुपरमार्केट नहीं बचा है। हमें खाना नहीं मिल रहा है। हमारे बच्चे खाली पेट सोने को मजबूर हैं। अब तो लगने लगा है कि हम भूख से यहीं मर जाएंगे।
WHO ने कहा- घुटनों पर गाजा का हेल्थ सिस्टम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेबियस का कहना है कि गाजा पट्टी में हेल्थ सिस्टम अपने घुटनों पर है और पूरी तरह से तबाह होने वाला है। यहां 36 में से सिर्फ 14 अस्पतालों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। बाकी अस्पताल तबाह हो गए हैं। गाजा में फौरन सीजफायर की जरूरत है।
मारे गए आतंकियों की तादाद 5 हजार से कम
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) के एक अफसर का कहना है कि गाजा में आतंकियों से दोगुने सिविलियन मारे गए हैं। एक हमास आतंकी को मारने की कोशिश में दो आम फिलिस्तीनियों को जान गंवानी पड़ी।
इजराइल के कुछ ट्रेडर्स को हमले की जानकारी वाली रिपोर्ट खारिज
इजराइल स्टॉक एक्सचेंज के चीफ ने अमेरिका के दो ट्रेडिंग एक्सपर्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि स्टॉक मार्केट के कुछ ट्रेडर्स को 7 अक्टूबर के हमले की पहले से जानकारी थी।
अमेरिकी रिपोर्ट पर सवालिया निशान
नेतन्याहू ने कहा- बंधकों को छुड़ाने का फिलहाल कोई रास्ता नहीं
दूसरी तरफ मंगलवार को इजराइली PM नेतन्याहू ने रिहा हुए बंधकों और उन लोगों के परिजनों से मुलाकात की जो अब भी हमास की कैद में हैं। इस दौरान उनमें जमकर बहस भी हुई। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, परिजनों ने बताया कि नेतन्याहू उनकी बात नहीं सुन रहे थे। वो सिर्फ अपना लिखा हुआ भाषण पढ़ रहे थे।
मीटिंग के लीक हुए अंशों के मुताबिक, नेतन्याहू ने लोगों को बताया कि फिलहाल बंधकों को वापस लाने का कोई रास्ता नहीं है। ये समझौता इजराइल नहीं बल्कि हमास ने खत्म किया। वो अब ऐसी शर्तें रख रहे हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस दौरान नेतन्याहू के भाषण से गुस्साए कई लोग मीटिंग को बीच में ही छोड़कर चले गए। लोगों ने नेतन्याहू पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।
'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।