बिजनेस करने के लिए छोड़ दी ढाई लाख रुपये की नौकरी, आज कमा रहे करोड़ों रुपये
Updated on
24-06-2024 02:26 PM
नई दिल्ली: अगर खुद पर भरोसा हो तो सफलता किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है। सफलता का उम्र से कोई मतलब नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है। दुनिया में जहां ज्यादातर लोग उम्र बढ़ने पर रिटायरमेंट की सोचने लगते हैं वहीं महाराष्ट्र के पुणे निवासी भाऊसाहेब नवले (Bhausaheb Navale) ने नौकरी छोड़ कुछ बड़ा करने का सोचा। जब कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया में लोगों को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे समय में भाऊ साहेब ने अपनी नौकरी छोड़कर कुछ अलग करने की योजना बनाई।
भाउसाहेब नवले ने अपनी ढाई लाख रुपये महीने की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर एक नया बिजनेस करने की प्लानिंग बनाई। ऐसे समय में जब ज्यादातर लोग रिस्क लेने से डरते हैं, उन्होंने हार नहीं मानी। आज उनके कारोबार का टर्नओवर करोड़ों रुपयों में है। आइए आपको बताते हैं किस तरह से भाऊसाहेब ने नौकरी छोड़कर बिजनेस में इतनी सफलता हासिल की है।
नौकरी छोड़कर लौटे भारत
भाऊ साहेब का जन्म 1973 में पुणे जिले में हुआ था। भाऊ ने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 1995 से 2020 तक उन्होंने जॉब की। इसी बीच 10 सालों तक उन्होंने इथियोपिया में गुलाब के उत्पादन का काम सीखा। उस दौरान उनका वेतन ढाई लाख रुपये महीना था। जब वे 46 साल के हुए, तब पूरी दुनिया में कोरोना फैल गया था। ऐसे में भाऊ को भी इथियोपिया छोड़कर अपने घर वापस लौटना पड़ा।
बिजनेस की ऐसे की शुरुआत
कोरोनाकाल में जब सभी बिज़नेस बंद हो रहे थे, तब भाऊ ने खुद का बिज़नेस शुरू करने का निर्णय लिया। भाऊ ने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया था। इसके अलावा उन्हें 10 सालों का गुलाब उत्पादन का भी उत्पादन किया। यही कारण था कि उन्होंने आधे एकड़ की जगह में इंडोर पॉट-प्लांट नर्सरी शुरू की और उसका नाम रखा ग्रीन एंड ब्लूम्स नर्सरी। यहाँ पर भाऊ गमले में 100 तरह के पौधों की खेती करते हैं। भाऊसाहेब ने मंदी में अवसर खोजने के लिए इनडोर पॉट-प्लांट नर्सरी व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे भाऊ की नर्सरी प्रसिद्धि की राह पर आगे बढ़ने लगी। आधे एकड़ की जगह में शुरू हुई नर्सरी जल्द ही एक एकड़ में फैल गयी। भाऊ की नर्सरी में आज 15 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं और पूरे देश में छोटी-बड़ी 300 नर्सरियां इनसे पौधे खरीदती हैं।
करोड़ों में टर्नओवर
भाऊसाहेब नवले की ओर से 27 यूनिटों में शुरू किया गया व्यवसाय अब एक एकड़ में फैल गया है। इनके पौधे पूरे देश में बिकते हैं। भाऊसाहेब की ओर से शुरू की गई इस नर्सरी में सौ तरह के पौधों की खेती की जाती है। देश की तीन सौ छोटी-बड़ी नर्सरियां इनसे पौधे खरीदती हैं। उनकी ओर से शुरू किए गए नर्सरी व्यवसाय से 15 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इससे उनका जीवन भी सुगम हो गया है। आज भाऊ का सालाना का 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हो रहा है। अपने रिटायरमेंट की उम्र में आकर खुद का एक नया व्यवसाय सफलतापूर्वक चलाने वाले भाऊ आज कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके हैं।
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