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6 महीने से लापता पूर्व चीनी विदेश मंत्री की मौत दावा- क्विन गेंग को टॉर्चर किया

Updated on 08-12-2023 02:07 PM

6 महीने से लापता चीन के पूर्व विदेश मंत्री क्विन गेंग की मौत हो गई है। ये दावा अमेरिकी मीडिया हाउस पॉलिटिको ने किया है। रिपोर्ट में क्विन की मौत की वजह सुसाइड या टॉर्चर बताई गई है। पॉलिटिको ने चीन के 2 अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि क्विन की जुलाई में ही बीजिंग के एक मिलिट्री अस्पताल में मौत हो गई थी।

इस अस्पताल में चीन के टॉप लीडर्स का इलाज किया जाता है। दरअसल, शी जिनपिंग के करीबी रहे क्विन को इसी साल जुलाई में विदेश मंत्री के पद से हटा दिया गया था। उन पर जासूसी करने का भी आरोप लगा था। इस मामले में अब तक जांच की जा रही है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि क्विन का चीन की एक पॉपुलर टीवी एंकर फू जियोतियान से अफेयर था, इसी वजह से उन्हें फॉरेन मिनिस्टर की पोस्ट से हटा दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस एंकर के साथ क्विन का एक बेटा भी है, जो अमेरिकी नागरिक है।"

अमेरिका को चीन के न्यूक्लियर सीक्रेट्स बेच रहे थे क्विन
पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, क्विन पर अमेरिका को चीन के न्यूक्लियर सीक्रेट्स बेचने का आरोप था। चीन के अधिकारियों के हवाले से पॉलिटिको ने बताया कि इसमें गेंग के साथ पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू और चीन की रॉकेट फोर्स के कमांडर ल्यू युचाओ भी शामिल थे। ये रॉकेट फोर्स चीन के न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए जिम्मेदार है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के डिप्टी विदेश मंत्री रुडेन्को ने जिनपिंग को इस बात की जानकारी दी थी। जिस समय क्विन लापता हुए थे, तभी ल्यू भी गायब हो गए थे। इसके अलावा उसी समय सेना के कई सीनियर और पूर्व अधिकारियों को हिरासत में लिया गया था।

इनमें से ज्यादातर अधिकारियों को बाद में पद से भी हटा दिया गया था। इन सबके बीच तत्कालीन रक्षा मंत्री ली शांगफू भी गायब हो गए थे। अक्टूबर में चीनी सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया।

आखिरी बार 25 जून में दिखे थे गेंग

  • पूर्व विदेश मंत्री मई में गोवा में हुई SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी शामिल हुए थे। वे अंतिम बार 25 जून को रूसी, श्रीलंका और वियतनामी अफसरों के साथ बैठक में देखे गए थे। इसके बाद से सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं दिखे। ईंट का जवाब पत्थर से देने वाले कूटनीतिज्ञ के रूप में मशहूर क्विन गेंग दिसंबर 2022 में चीन के विदेश मंत्री बने थे।
  • गेंग ने 10 साल तक विदेश मंत्री रहे वांग यी का स्थान लिया था। हालांकि ऐसा माना जाता है कि उन्होंने चीन के अपनाए गए ‘वुल्फ वॉरियर’ वाले डिप्लोमेटिक स्टाइल से खुद को अलग कर लिया था। इसकी वजह कम्युनिस्ट सरकार के नेतृत्व से उनकी नाराजगी है।
  • चीन के विदेश मंत्री क्विन गेंग को 4 जुलाई को यूरोपीय यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोरेल से मिलना था, लेकिन ये मीटिंग अचानक आगे खिसका दी गई। बोरेल को दो दिन पहले इसकी जानकारी दी गई। इसमें मीटिंग आगे बढ़ाने का कोई कारण नहीं बताया गया।
  • 7 जुलाई को पहली बार पत्रकारों ने चीनी विदेश मंत्री गेंग के बारे में पूछा। चीनी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया- हमें कोई जानकारी नहीं है। 10 और 11 जुलाई को गेंग को इंडोनेशिया में एक समिट में हिस्सा लेना था। कहा गया- तबीयत खराब होने की वजह से गेंग नहीं जा पाएंगे। इसकी ट्रांसस्क्रिप्ट चीनी विदेश मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर छपी। इसमें तबीयत वाला हिस्सा गायब था।
  • इसके साथ ही गेंग फिलीपींस के राष्ट्रपति के साथ होने वाली मीटिंग में भी नजर नहीं आए। इसी के बाद गेंग के गायब होने की चर्चा शुरू हो गई।
  • लोकप्रियता की वजह से जिनपिंग की आंख की किरकिरी बन गए थे
    जानकार कहते हैं कि सॉफ्ट डिप्लोमेसी को दरकिनार कर 2022 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी काे तवज्जो दी और क्विन गेंग को नया विदेश मंत्री बनाया था। विदेश मंत्री बनने से पहले और बाद में गेंग के दो लेख खूब चर्चा में रहे।

    पहला दिसंबर 2022 में अमेरिकी मैगजीन नेशनल इंटरेस्ट में क्विन गेंग ने एक लेख लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि चीन और अमेरिका कोई जीरो सम गेम नहीं हैं। यानी कोई भी पक्ष दूसरे को नीचा दिखाकर या कमतर साबित कर आगे नहीं बढ़ सकता। इसके बाद वह चीन के विदेश मंत्री बन गए।

    गेंग ने दूसरा लेख चीन के विदेश मंत्री बनने के बाद जनवरी 2023 में वॉशिंगटन पोस्ट में लिखा। इसमें उन्होंने कहा- इस समय अमेरिका-चीन संबंधों के दरवाजे खुले हैं। मुझे भरोसा है कि चीनी लोगों की तरह ही अमेरिका की जनता भी खुले विचारों वाली, दोस्ताना और मेहनती है। कहा जाए तो पूरी धरती का भविष्य चीन-अमेरिकी संबंधों की अच्छी सेहत और स्थिरता पर निर्भर है।

    इससे साफ था कि चीन अमेरिका के साथ बातचीत का दरवाजा खुला रखेगा, लेकिन बिना किसी दबाव के। अपने कार्यकाल में क्विन गेंग ने यह साबित भी किया। चीन में गेंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी। उनकी तुलना राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की जाने लगी थी।

    चीन में ताकतवर लोगों का लापता होना नई बात नहीं है
    चीन में ताकतवर लोगों का गायब होना कोई नई बात नहीं है। यह मॉडर्न चीन के संस्थापक माओ के समय से चला आ रहा है। माओ के वक्त में हंड्रेड फ्लावर्स कैंपेन चलाया गया था। इसके तहत लोगों को आलोचना करने की छूट दी गई।

    साथ ही सिस्टम की खामियों को बताने के लिए कहा गया। इसके बाद कई लोगों ने ऐसा किया, लेकिन जिसने भी यह किया, उसका फिर पता नहीं चला। यानी उन लोगों को ठिकाने लगा दिया गया। ये माओ की चाल थी। दरअसल, वो अंदरखाने मौजूद अपने विरोधियों की पहचान करना चाहते थे। कहा जा रहा है कि यही चाल शी जिनपिंग भी अपना रहे हैं।

    चीन में गायब होने वाले लोगों की लिस्ट में एक्टर, एक्टिविस्ट से लेकर स्पोर्ट्सपर्सन तक के नाम शामिल हैं।



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