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भूल जाइए चीन, भारत देगा दुनिया को सेमीकंडक्टर की सप्लाई चेन, आ रही है वेदांता की चिप, कई कंपनियां निवेश को तैयार

Updated on 29-07-2023 02:41 PM

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी कंपनियों को भारत में सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इसके लिए 50% वित्तीय मदद दी जाएगी। मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में 'सेमीकॉन इंडिया 2023' सम्मेलन की शुरुआत करने के बाद कहा कि हमने भारत में निवेश लाने के लिए कंपनियों के सामने रेड कारपेट बिछाया है। देश में सेमीकंडक्टर उद्योग की बढ़ोतरी के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया जा रहा है। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से वृद्धि करेगा। पीएम ने कहा कि एक साल पहले लोग पूछते थे कि उन्हें भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करना चाहिए? अब वे ही पूछते हैं कि भारत में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए? मोदी ने कहा कि दुनिया को एक भरोसेमंद चिप सप्लाई चेन की जरूरत है। सेमीकंडक्टर डिजाइन पर कोर्स शुरू करने के लिए भारत में 300 संस्थानों की पहचान की गई है।

 

औद्योगिक क्रांति 4.0 की गवाह बन रही दुनिया

सेमीकंडक्टर उद्योग के कुछ वैश्विक दिग्गजों के साथ मंच साझा करते हुए मोदी ने कहा कि आज दुनिया 'औद्योगिक क्रांति 4.0' की गवाह बन रही है। दुनिया जब भी ऐसी किसी औद्योगिक क्रांति से गुजरी है, तो उसका आधार क्षेत्र विशेष के लोगों की आकांक्षाएं रही हैं। पहली औद्योगिक क्रांति और अमेरिकी सपने के बीच भी यही संबंध देखा गया था। आज मैं चौथी औद्योगिक क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच वही संबंध देखता हूं।

हमारी भारत में बनी चिप ढाई साल में मिलेगीः वेदांता

वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि सेमीकंडक्टर परियोजना के पहले चरण में कुल 20 अरब डॉलर के खर्ज में पांच अरब डॉलर का निवेश शामिल होगा और उनकी भारत में बनी चिप ढाई साल में उपलब्ध होगी। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वेदांता समूह सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमें जापान, कोरिया, अमेरिका में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। गुजरात के आसपास एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा और हमने इसके लिए 100 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा और भारत में सिलिकॉन वैली बनाने के लिए यह सबसे सही जगह है। उधर, चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी AMD ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले पांच वर्षों में भारत में 40 करोड़ डॉलर के निवेश करेगा। उसने कहा कि कंपनी भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में एक मजबूत भागीदार होगी। कंपनी बेंगलुरु में एक नया डिजाइन सेंटर खोलेगी, जो दुनिया में उसका सबसे बड़ा होगा।
 

भारत में सेमीकंडक्टर के भविष्य को लेकर आशावादी: फॉक्सकॉन

फॉक्सकॉन ने कहा कि वह भारत में सेमीकंडक्टर मसौदे के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ताइवान भारत का सबसे भरोसेमंद भागीदार है और रहेगा। फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने 'सेमीकॉन इंडिया 2023' सम्मेलन में कहा, 'आइए साथ मिलकर यह काम करें।' उन्होंने कहा, 'भारत में चिप के लिए एक परिवेश बनाना बहुत बड़ा काम है...जहां चाह है, वहां राह है।' इस संबंध में भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए लियू ने देश की सेमीकंडक्टर यात्रा पर भरोसा जताया। लियू ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार मुझसे कहा था कि 'आईटी' का मतलब भारत और ताइवान है। माननीय प्रधानमंत्री, ताइवान आपका सबसे भरोसेमंद साझेदार है और रहेगा... आइए इसे मिलकर करें।'


जितनी देरी होगी, नुकसान उतना बढ़ेगा?

देश की इकॉनमी के लिए अब जरूरी है कि सेमीकंडक्टर का निर्माण यहीं हो। हर साल 1.76 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर का आयात किया जाता है। साल 2025 तक इसका आयात 7.5 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है। अगर देश में सेमीकंडक्टर का निर्माण होगा तो आयात बिल कम होगा। फिर नौकरियां भी मार्केट में आएंगी। इसके निर्माण की टेक्नॉलजी भी भारत में आएंगी। फिलहाल सेमीकंडक्टर के लिए भारत पूरी तरह से चीन और ताइवान पर निर्भर है। ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन और वेदांता समूह के बीच भारत में पहला सेमीकंडक्टर बनाने का प्लांट का करार जिस तरह से टूटा है, उससे भारत को झटका लगा है। इंटरनैशनल मार्केट में इससे अच्छा मेसेज नहीं गया है। अब सरकार की पूरी कोशिश है कि जल्द इस क्षेत्र में काम जल्द शुरू किया जाए। सरकार इस बात को समझती है कि इस काम में जितनी देर होगी, उतना नुकसान बढ़ता चला जाएगा। फिर नुकसान की भरपाई इकॉनमी के लिए काफी महंगी साबित होगी।
 

इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल

सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल माना जाता है। स्मार्टफोन्स से लेकर कार, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डिवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम और कई तरह के उत्पादों में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि सरकार देश में चिप की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है।

नए जमाने का ऑयल

सेमीकंडक्टर चिप को नए जमाने का ऑयल कहा जा रहा है। यही वजह है कि इस पर कब्जे को लेकर अमेरिका और चीन में ठनी हुई है। कोरोना काल में इसकी सप्लाई बाधित होने के कारण दुनियाभर की कंपनियों को अरबों डॉलर की चपत लगी थी। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को हुआ है। दोनों देशों ने एकदूसरे की कंपनियों पर तरह-तरह की पाबंदियां लगाई हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन के मिलिट्री और सर्विलांस प्रोग्राम्स में अमेरिकी प्रॉडक्ट्स लगाए गए हैं। इसलिए चिप्स और चिपमेकिंग इक्विपमेंट को चीन भेजने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। अमेरिका चाहता है कि इन्हें देश में ही बनाया जाए। इसके लिए कंपनियों का तगड़ा इंसेटिव भी दिया जा रहा है।
 

चीन का बाजार है बड़ा

अमेरिका चाहकर भी चीन नहीं छोड़ पा रहा है। इसकी वजह यह है कि चीन अमेरिका की चिप कंपनियों के लिए बड़ा मार्केट है। वहां बड़ी संख्या में ऐसे प्रॉडक्ट्स बनाए जाते हैं जिनमें सेमीकंडक्टर यानी चिप का व्यापक इस्तेमाल होता है। इनमें स्मार्टफोन, डिशवॉशर्स, कार और कंप्यूटर शामिल हैं। इनका पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट होता है। दुनिया में सेमीकंडक्टर की कुल बिक्री में चीन का एक तिहाई योगदान है। लेकिन अमेरिका की कुछ कंपनियों का 60 से 70 फीसदी रेवेन्यू चीन से ही आता है। कई कंपनियां तो अमेरिका में चिप बना रही हैं लेकिन एसेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए इन्हें चीन भेजा जाता है।

आखिर क्यों खास है चिप

सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन से बनाया जाता है जो इलेक्ट्रिसिटी का अच्छा कंडक्टर होता है। इन चिप्स को माइक्रोसर्किट्स में फिट किया जाता है जिनसे कई आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और कंपोनेंट्स को पावर मिलती है। सभी एक्टिव कंपोनेंट्स, इंटिग्रेटेड सर्किट्स, माइक्रोचिप्स, ट्रांजिस्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर्स सेमीकंडक्टर मटीरियल्स से बनाए जाते हैं। ये हाई एंड कम्प्यूटिंग, ऑपरेशन कंट्रोल, डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट, सेंसिंग, वायरलेस कनेक्टिविटी जैसे काम करते हैं। चिप आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5जी, आईओटी, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल जैसी एमर्जिंग टेक्नोलॉजीज का अहम हिस्सा हैं। यानी सेमीकंडक्टर चिप मॉडर्न कम्प्यूटेशन के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में Intel, Samsung, Taiwan Semiconductor Manufacturing Company (TSMC), Broadcom और Nvidia शामिल हैं। चिप बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है और यह कारोबार कई देशों तक फैला है।
 
 
 

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