डीजीसीए के 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक भारत के इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक में विदेशी एयरलाइन्स की हिस्सेदारी 56 फीसदी है जबकि भारतीय कंपनियों का हिस्सा 44 फीसदी है। विदेशी कंपनियों में सबसे ज्यादा 10 फीसदी हिस्सेदारी एमिरेट्स की है। इसके बाद सिंगापुर एयरलाइन्स, एतिहाद, कतर एयरवेज, लुफ्तहांसा और एयर अरेबिया का नंबर है। वॉल्श ने कहा कि अगर किसी एयरलाइन को किसी देश से पैसा मिलना बंद हो जाए तो वह वहां ऑपरेट क्यों करेगी? उन्होंने कहा कि भारत की टैक्स व्यवस्था हमेशा से जटिल रही है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि आगे क्या होता है। देश में हाल में हुए लोकसभा चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला है और कुछ दिन में अगली सरकार बनने की उम्मीद है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर के दौरान देश में इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक 1.73 करोड़ रहा। इस डिमांड को 78 विदेशी और छह घरेलू कंपनियों ने पूरा किया।