आर्मीनिया ने भारत और ईरान के साथ मिलाया हाथ
दरअसल, अजरबैजान ने पाकिस्तान और तुर्की के हथियारों की मदद से आर्मीनिया से नगर्नो कराबाख को छीन लिया है। अजरबैजान को पाकिस्तान ने केवल हथियार दिए बल्कि उसे सैन्य प्रशिक्षण भी दिया है। पाकिस्तान के रॉकेट लॉन्चर सिस्टम अजरबैजान की सेना में शामिल हैं। पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान की इस तिकड़ी को मात देने के लिए आर्मीनिया ने भारत और ईरान के साथ हाथ मिलाया है। आर्मीनिया ने भारत से पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदा है। यही नहीं भारत से तोप और एंटी ड्रोन सिस्टम भी आर्मीनिया खरीद रहा है।
इससे पहले जंग के दौरान अजरबैजान को तुर्की से मिले टीबी-2 ड्रोन ने आर्मीनिया में तबाही मचाई थी। यही नहीं आर्मीनिया अब ईरान में भारत के बनाए चाबहार पोर्ट को भी इस्तेमाल करना चाहता है। नगर्नो कराबाख की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान ने खुलकर अजरबैजान का समर्थन किया था। इसके बदले में अजरबैजान ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। यही नहीं अजरबैजान ने भारत के आर्मीनिया को हथियार देने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। अब अजरबैजान तुर्की के साथ मिलकर पाकिस्तान संग दोस्ती को बढ़ा रहा है।