लोन वसूलने में बैंक की ज्यादती नहीं चलेगी, जानें वित्त मंत्री ने क्या कहा
Updated on
24-07-2023 05:11 PM
नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि ऋण वसूली (Loan Recovery) में बैंक वालों की ज्यादती बिल्कुल नहीं चलेगी। चाहे वह पब्लिक सेक्टर के बैंक हो या प्राइवेट सेक्टर के बैंक। गरीब किसानों के साथ तो कतई ऐसा नहीं होना चाहिए। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में कही। वह लोकसभा में एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
मानवीय और संवेदनशील तरीके से निपटें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सभी बैंकों, चाहे सार्वजनिक हों या निजी, को आरबीआई के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि वे छूटी हुई ऋण किश्तों के भुगतान के मुद्दे पर गरीब किसानों के साथ मानवीय और संवेदनशील तरीके से निपटें। प्रश्नकाल के दौरान जब वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड खराब ऋण बकाएदारों से निपटने के दौरान बैंकों द्वारा अपनाई जाने वाली कठोर रणनीति पर एक शिवसेना सदस्य के सवाल का जवाब दे रहे थे, तो सीतारमण ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है, जिसे अक्सर सरकार के ध्यान में लाया गया है।
सरकार के संज्ञान में आए हैं मामले
सीतारमण ने कहा "यहां एक संवेदनशील मुद्दा उठाया गया है। सार्वजनिक या निजी बैंकों द्वारा गरीब किसानों के साथ व्यवहार करते समय हाथ मरोड़ने की रणनीति अपनाने के ऐसे मामले हमारे संज्ञान में लाए गए हैं। हमने अक्सर आरबीआई के माध्यम से बैंकों को ऐसे लोगों से मानवीय तरीके से निपटने का निर्देश दिया है।" ऋण की किश्तें वसूलने की कोशिश में बैंकों के प्रतिनिधियों द्वारा शारीरिक हिंसा तक करने के मामले सामने आए हैं।
क्या कहता है आरबीआई लोन वसूली को लेकर रिजर्व बैंक ने पिछले साल ही नया नियम जारी किया है। रिजर्व बैंक ने कंपनियों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि लोन वसूली में रिकवरी एजेंट ग्राहकों को किसी प्रकार की धमकी न दें। कर्ज की वसूली में ग्राहक के साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं होनी चाहिए। इसके लिए पहले से नियम बनाए गए हैं, उन नियमों का हर हाल में पालन जरूरी है। इसी के साथ रिजर्व बैंक ने कहा है कि फोन पर लोन का पैसा मांगने का समय 8 बजे सुबह से 7 बजे शाम तक सेट किया गया है। रिकवरी एजेंट इसी समय के दरम्यान पैसे मांग सकता है।
ऐसा देखा गया है कि बैंक, एनबीएफसी या अन्य रेगलुलेटेड इनटिटीज (REs) लोन वसूली के लिए रिकवरी एजेंट की नियुक्ति करते हैं। ये रिकवरी एजेंट नियम-कानूनों को ध्यान में नहीं रखते। फाइनेंशियल सर्विस की आउटसोर्सिंग के लिए कुछ नियम तय हैं जिसका पालन रिकवरी एजेंट पूरी तरह नहीं करते। इन एजेंटों की गतिविधियों के देखते हुए रिजर्व बैंक ने आरई को निर्देश दिया है कि वे लोन रिकवरी के दौरान किसी तरह की प्रताड़ना या परेशान करने वाला एक्ट न करें। कर्ज की वसूली करते वक्त या पैसा मागंते वक्त ग्राहकों को जुबानी या शारीरिक, किसी भी ढंग से परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
लोन लेने वालों की निजी जिंदगी पर असर न पड़े रिजर्व बैंक ने साफ किया है, बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीच्यूशंस लोन की वसूली के लिए किसी ग्राहक को सार्वजनिक ढंग से लज्जित नहीं कर सकते। ग्राहक के परिवार, दोस्त या नाते-रिश्तेदार की निजी जिंदगी में दखल नहीं दे सकते या उनको फोन नहीं कर सकते। फोन पर या सोशल मीडिया के माध्यम से लोन वसूली के लिए गलत मैसेज या फोन नहीं कर सकते। साथ ही, पैसे लेने के लिए फोन पर किसी तरह की धमकी भी नहीं दे सकते।
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