जानिए कैसे तय होती है एक्सचेंज रेट
एक्सचेंज रेट कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। महंगाई, ब्याज दर, कैपिटल इनफ्लो, लिक्विडिटी और चालू खाता खाता भी एक्सचेंज रेट को प्रभावित करता है। इसमें सबसे बड़ा फैक्टर डिमांड एंड सप्लाई है। जैसे-जैसे मांग बढ़ती है वैल्यू बढ़ती जाती है और मांग घटने के साथ ही वैल्यू कम हो जाती है। वैश्विक बाजार में जब डॉलर की डिमांड बढ़ती है, तो यह महंगा हो जाता है। इसे ही फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट (Floating Exchange Rate) कहते हैं।