एडीएवीएल के वकील ने कहा कि ट्रांजिशन की प्रक्रिया तीन साल तक चल सकती है और इस दौरान आईआईएचएल को मुफ्त में रिलायंस का नाम यूज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उनका कहना था कि एग्रीमेंट 1 अप्रैल को खत्म हो गया है और इसके साथ ही रिलायंस कैपिटल का ब्रांड नाम का यूज करने का अधिकार भी खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून में यह नियम नहीं है जिससे एनसीएलटी खत्म हो चुके एग्रीमेंट को रिवाइव कर सके।