नाकाम हुई थी इंदिरा गांधी को डराने की कोशिश
किसिंजर चाहते थे कि भारत की सेना पूर्वी पाकिस्तान में दखल ना दे। ऐसे में उन्होंने इंदिरा गांधी पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू कर दी। किसिंजर के कहने पर रिचर्ड निक्शन ने इंदिरा गांधी का अपमान करते हुए उन्हें पहले तो मिलने के लिए लंबा इंतजार कराया। इसके बाद बैठक में भी निक्शन ने इंदिरा गांधी से बहुत बेरूखी से बात करते हुए पाक पर हमले से रोकने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की। इंदिरा ने साफ कह दिया कि फैसला नहीं बदलेगा क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान के घटनाक्रम से भारत में जो संकट पैदा हो हुआ है, उसपर हम चुप नहीं रह सकते हैं। इंदिरा गांधी अमेरिका से लौटीं और भारत की फौज ने पाकिस्तानी सेना पर हमला कर दिया।पाकिस्तान की फौज पर भारत का हमला होते ही किसिंजर पूरी तरह से बौखला गए। ये बौखलाहट इतनी थी कि राष्ट्रपति निक्सन के साथ एक बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लेने की बजाय उनको गाली देते हुए बात की। किसिंजर ही नहीं निक्सन ने भी तब भारतीयों के लिए कई ओछी बातें की थीं। किसिंजर ने तब गुपचुप चीन की यात्रा भी की थी और निक्सन को सलाह दी थी कि वह चीन को भारतीय सीमा के पास सेना भेजने के लिए कहे ताकि वह पाकिस्तान से युद्ध बंद कर दे। चीन के इनकार के बाद किसिंजर के आदेश पर अमेरिकी नेवी पाकिस्तान की मदद के लिए आई थी जो सोवियत संघ की वजह से वापस हट गई थी। हेनरी किसिंजर ने ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के करीब 34 साल बाद 2005 में इंदिरा गांधी को गाली देने कहने और भारतीयों के लिए भद्दे शब्द बोलने के लिए सार्वजनिक माफी मांगी थी।