टाटा ग्रुप की एयरलाइन एअर इंडिया भारत में अपना पहला फ्लाइंग स्कूल ओपन करने जा रही है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का यह फ्लाइंग स्कूल महाराष्ट्र के अमरावती में ओपन किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एयरलाइन पायलटों की अनुमानित कमी को दूर करने के लिए ये फ्लाइंग स्कूल ओपन कर रही है। इस फ्लाइंग एकेडमी की हर साल 180 पायलटों को ट्रेनिंग देने की कैपेसिटी होगी।
एअर इंडिया एकेडमी में एसपायरिंग पायलेट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी
एअर इंडिया एकेडमी में बिना किसी फ्लाइंग एक्सपीरियंस वाले एसपायरिंग पायलेट्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी ट्रेनिंग स्टेजेस पूरी होने के बाद इन पायलेट्स को एअर इंडिया के कॉकपिट में डायरेक्ट एंट्री मिल सकेगी।
एयरलाइन ने अपनी ट्रेनिंग फ्लीट के लिए अमेरिकी कंपनी पाइपर और यूरोपीयन मैन्युफैक्चरर डायमंड से लगभग 30 सिंगल-इंजन और चार मल्टी-इंजन वाले एयरक्राफ्ट्स को सिलेक्ट किया है।
कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही सरकार
भारत सरकार देश में कॉमर्शियल पायलट ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है। क्योंकि, वर्तमान में 40% से ज्यादा स्टूडेंट्स विदेश में ट्रेनिंग लेने जाते हैं, जिसकी कॉस्ट 1.5-2 करोड़ रुपए तक होती है।
नेक्स्ट जनरेशन पायलट्स की सप्लाई पर कंट्रोल रखना चाहती है एयरलाइन
इकोनॉमिक्स टाइम्स के सूत्रों के अनुसार, 'एअर इंडिया नेक्स्ट जनरेशन पायलट्स की सप्लाई पर कंट्रोल रखना चाहती है। यह स्कूल नेशनल केरियर की लॉन्ग-टर्म पाइपलाइन का एक जरूरी हिस्सा होगा।
एयरलाइन ट्रेनिंग की क्वालिटी सुनिश्चित करना चाहती है। भारत में फ्लाइंग स्कूल्स में ट्रेनिंग की क्वालिटी में बहुत अंतर है, जिसके कारण स्टूडेंट्स को विदेश जाना पड़ता है।'
इंडिगो ने सात फ्लाइंग स्कूल्स के साथ कोलैबोरेशन किया
यह अप्रोच इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी प्रमुख भारतीय एयरलाइनों की अपनाई गई ट्रेडिशनल ट्रेनिंग स्ट्रेटेजी से अलग है। वहीं इंडिगो और स्पाइसजेट ने ब्रांडेड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के लिए भारत और विदेशों में इंडिपेंडेंट फ्लाइंग स्कूल्स के साथ पार्टनरशिप की है। इंडिगो ने सात फ्लाइंग स्कूल्स के साथ कोलैबोरेशन किया है।
2024 में हर छह दिन में एक नया एयरक्राफ्ट पेश करेंगे: एअर इंडिया CEO
टाटा ग्रुप के एअर इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद एयरलाइन ने 470 एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया है। एयरलाइन के CEO कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि वे 2024 में हर छह दिन में एक नया एयरक्राफ्ट पेश करेंगे।
टाटा ग्रुप का फ्लाइंग स्कूल इंटरनल जरूरतों पर फोकस करेगा
टाटा ग्रुप का नया फ्लाइंग स्कूल शुरू में इंटरनल जरूरतों को पूरा करने पर फोकस करेगा। हालांकि, कंपनी भविष्य में एक्सटर्नल जरूरतों को भी पूरा करने पर काम करेगी।
एयरबस और अमेरिका की L3 हैरिस के कोलैबोरेशन से एयरलाइन ने गुड़गांव में अपनी खुद की ट्रेनिंग फैसेलिटी को स्थापित किया है। इस फैसेलिटी में पायलटों को टाइप-रेटेड और रिकरेंट ट्रेनिंग प्रोवाइड करने के लिए छह सिम्युलेटर्स हैं।
पायलेट्स को लाइसेंस के लिए इनिशियल ट्रेनिंग पूरी करनी होती है
एविएशन ट्रेनिंग रेगुलेशन के अनुसार, एसपायरिंग पायलेट्स को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पहले इनिशियल ट्रेनिंग पूरी करनी होती है। एयरबस A320 या बोइंग 737 जैसे स्पेसिफिक एयरक्राफ्ट टाइप को ऑपरेट करने और जरूरी लाइसेंस एंडोर्समेंट हासिल करने के लिए टाइप-रेटेड ट्रेनिंग जरूरी होती है। इन एंडोर्समेंट को बनाए रखने के लिए पायलटों को हर साल रिकरेंट ट्रेनिंग से गुजरना होता है।
एअर इंडिया एविएशन एकेडमी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं सुनील भास्करन
टाटा ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी और एयरएशिया इंडिया के पूर्व CEO सुनील भास्करन वर्तमान में एअर इंडिया एविएशन एकेडमी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इसके अलावा वे एयरलाइन के ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के काम की देखरेख करते हैं।
भारतीय एयरलाइनों द्वारा दिए गए एयरक्राफ्ट्स के बड़े ऑर्डर से फ्लाइट सिमुलेशन सेंटर्स की डिमांड बढ़ेगी, क्योंकि एयरलाइनों को अपने पायलटों को ट्रेनिंग देनी होगी। इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा ने अगले दस सालों में डिलीवरी के लिए लगभग 1,250 एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया है।