जिला उपभोक्ता फोरम ने दो अलग-अलग मामलों में एअर इंडिया के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कुल 1 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह मामला भोपाल के अरेरा हिल्स के निवासी संगीता अस्थाना और राकेश सक्सेना से संबंधित हैं, जिन्हें एअर इंडिया की फ्लाइट्स में दवाओं और व्हीलचेयर जैसी आवश्यक सुविधाएं न मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।
पहला मामला: व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई
संगीता अस्थाना और राकेश सक्सेना को भोपाल से मुंबई और फिर मुंबई से चेन्नई की कनेक्टिंग फ्लाइट में परेशानी का सामना करना पड़ा। संगीता अस्थाना बीपी और डायबिटीज की मरीज हैं, लेकिन यात्रा के दौरान एअर इंडिया ने उन्हें केबिन बैग में दवाएं रखने की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा व्हीलचेयर की बार-बार मांग करने के बावजूद एअर इंडिया ने इसे उपलब्ध नहीं कराया।
चेन्नई पहुंचने के बाद उन्हें यह बताया गया कि उनका बैग मुंबई में ही रह गया है। बैग 5 घंटे की देरी से रात 12 बजे होटल में पहुंचाया गया। फोरम ने इस पर एअर इंडिया को सेवा में कमी का दोषी ठहराया और 20 हजार रुपए सेवा में कमी, 25 हजार रुपए मानसिक कष्ट और 10 हजार रुपए वाद-व्यय के रूप में हर्जाना लगाया।
दूसरा मामला: फ्लाइट डिले, व्यवस्था की कमी
दूसरे मामले में संगीता और राकेश अपनी बेटी के एडमिशन के लिए यूएस से भारत लौट रहे थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी फ्लाइट, जो पहले सुबह 11:20 बजे की थी, तकनीकी कारणों से कैंसिल कर दी गई और उन्हें दोपहर 3 बजे की फ्लाइट में सीट दी गई। इस दौरान, एअर इंडिया ने उन्हें न तो खाने-पीने की व्यवस्था की और न ही डायबिटीज की दवाइयां दीं, जो उनके लिए जरूरी थीं।
फोरम ने एअर इंडिया को 25 हजार रुपए सेवा में कमी, 20 हजार रुपए मानसिक कष्ट और 5 हजार रुपए वाद-व्यय के रूप में जुर्माना लगाया। इस फैसले में फोरम ने कहा कि एअर इंडिया ने आवश्यक सुविधाओं की कमी के बावजूद सही तरीके से सूचित नहीं किया और यात्रियों की परेशानियों की अनदेखी की।