GST काउंसिल की 53वीं मीटिंग आज 22 जून को शुरू होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग पर और फर्टिलाइजर पर टैक्स कम करने पर चर्चा की जा सकती है।
अभी फर्टिलाइजर पर 5% की दर से GST लगता है, जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18% GST लगता है। फर्टिलाइजर पर टैक्स कम करने का मुद्दा सितंबर 2021 और जून 2022 में हुई 45वीं और 47वीं मीटिंग में रखा गया था।
इस मीटिंग में GST स्ट्रक्चर को सुव्यवस्थित करने, अनुपालन बढ़ाने और इंडस्ट्री की चिंताओं को सुलझाने के मकसद से भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
निर्मला सीतारमण ने औपचारिक रूप से केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक एक दिन बाद, GST काउंसिल ने 53वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग की तारीख की घोषणा की थी। ये आज यानी, 22 जून को हो रही है।
अक्टूबर की मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग पर 28% टैक्स लगाया था
जीएसटी काउंसिल की पिछली मीटिंग 7 अक्टूबर, 2023 को हुई थी। इस मीटिंग में, जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28% शुल्क लगाने का फैसला किया था।
52वीं मीटिंग में लिए गए थे ये अहम फैसले
सरकार ने मई में GST से ₹1.73 लाख करोड़ जुटाए
सरकार ने मई 2024 में GST से 1.73 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। ये अब तक का किसी भी महीने जुटाया गया चौथा और वित्त वर्ष 2024-25 का दूसरा हाईएस्ट GST कलेक्शन था। इससे पहले सरकार ने अप्रैल 2024 में GST से सबसे ज्यादा 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर ग्रॉस GST कलेक्शन में 10% की बढ़ोतरी हुई थी।
CGST 32,409 करोड़ रुपए, SGST 40,265 करोड़ रुपए रहा
वित्त मंत्रालय के अनुसार, मई के ₹1,72,739 करोड़ के GST कलेक्शन में CGST 32,409 करोड़ रुपए और SGST 40,265 करोड़ रुपए रहा। IGST 87,781 करोड़ रुपए (माल के आयात पर कलेक्ट किए 39,879 करोड़ रुपए सहित) और सेस 12,284 करोड़ रुपए रहा। सेस में माल के आयात से मिले 1,076 करोड़ रुपए शामिल हैं।
इकोनॉमी की हेल्थ को दिखाता है GST कलेक्शन
GST कलेक्शन इकोनॉमी की ओवरऑल हेल्थ का एक संकेतक है। अप्रैल महीने के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों पर KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।
2017 में लागू हुआ था GST
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे वैराइटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (VAT), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं।