नई दिल्ली । भारत में प्रतिबंधित चीनी ऐप टिकटॉक अब यूट्यूब को वीडियो प्लैटफ़ॉर्म पर टक्कर देने की तैयारी कर रहा है। 2010 से पहले अगर आपको याद हो तो यूट्यूब प्लैटफ़ॉर्म पर सिर्फ़ 10 मिनट तक के ही वीडियो अपलोड किए जा सकते थे। बाद में धीरे धीरे करके यूट्यूब से 10 मिनट तक का रेस्ट्रिक्शन हटा और अब लंबे वीडियोज भी अपलोड किए जा सकते हैं। अब बात करते हैं शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक की जो भारत में प्रतिबंधित है। भारत में टिक टॉक भले ही बैन है, लेकिन कंपानी को यहां पूरी उम्मीद है कि सरकार इस पर लगा प्रतिबंध हटा देगी। अमेरिका और चीन सहित दूसरे देशों में ये ऐप तेज़ी से फल फूल रहा है। अब अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की विदाई हो रही है और जनवरी में जो बाइडेन अपना पद संभाव लेंगे। ऐसे में टिक टॉक के लिए अब अमेरिका में बने रहने का भी रास्ता एक तरह से साफ़ है।
इन सब के बीच टिक टॉक अब तैयारी कर रहा है कि इस प्लैटफ़ॉर्म को शॉर्ट वीडियो से थोड़ा अलग किया जाए। शायद यही वजह है कि कंपनी अब वीडियो लिमिट बढ़ा रही है।
सोशल मीडिया पर बारीकी से नजर रखने वाले एक्सपर्ट मैट नवारा नए एक ट्वीट में स्क्रीनशॉट शेयर किया है। स्क्रीनशॉट में लिखा है कि उन्हें टिक टॉक पर तीन मिनट तक के वीडियो अपलोड करने का अर्ली ऐक्सेस दिया जा रहा है। टिक टॉक ऐप और डेस्कटॉप पर अर्ली ऐक्सेस के तहत वो अब तीन मिनट तक के वीडियोज अपलोड कर सकेंगे। यानी न सिर्फ़ टिक टॉक ऐप पर, बल्कि टिकटॉकडॉटकॉम से भी तीन मिनट के वीडियो अपलोड किए जा सकते हैं। फ़िलहाल ये लिमिटेड है और सभी के लिए नहीं है। लेकिन इससे एक चीज निकल कर आ रही है कि कंपनी अब सिर्फ़ शॉर्ट वीडियो तक ही ख़ुद को लिमिट नहीं रखना चाहती और अपना दायरा बढ़ा रही है।
चूंकि टिक टॉक काफ़ी पॉपुलर हो चुका है और इसे भुनाते हुए ही कंपनी अपने प्लैटफ़ॉर्म को एक वीडियो अपलोडिंग प्लैटफ़ॉर्म की तरह स्थापित करने की तैयारी में है। ऐसे में ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आगे चल कर टिक टॉक गूगल के वीडियो प्लैटफ़ॉर्म यूट्यूब को टक्कर देगी। चूंकि इन दिनों टिक टॉक की एक तरह से मोनॉपली है, इसलिए शायद ऐसा होता हुआ न दिखे, लेकिन ऐसा लगता है कि टिक टॉक का टार्गेट गूगल ही है। यूट्यूब की बात करें तो कंपनी ने हाल ही में टिक टॉक जैसा फ़ीचर शॉर्ट लॉन्च किया है। ये फ़ीचर टिक टॉक को टक्कर देने और अपने यूज़र्स को बनाए रखने के लिहाज़ से कंपनी ने लाया है। क्योंकि कहीं न कहीं यूट्यूब को भी इस बात का अंदाज़ा है कि टिक टॉक उस का राइवल बन सकता है।