जम्मू-कश्मीर में सोमवार को विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ। दरअसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायक वाहिद पारा ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। इसके विरोध में भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। कुछ विधायक वेल में भी पहुंच गए।
इस पर स्पीकर रहीम अब्दुल राथर ने कहा कि उन्होंने अभी तक ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। मुख्यमंत्री उमार अब्दुल्ला ने कहा कि, 'सदन 370 पर कैसे चर्चा करेगा। इसका फैसला कोई एक सदस्य नहीं लेगा। आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो PDP के विधायक पहले हमसे इस पर चर्चा करते।'
अब्दुल्ला ने कहा- भाजपा से अनुच्छेद 370 को बहाल करने की उम्मीद करना मूर्खता है। हमें पता था कि 370 पर एक प्रस्ताव आने वाला है। वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र सरकार के 5 अगस्त, 2019 को लिए गए निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज परिणाम अलग होते।
7 बार के विधायक राथर स्पीकर चुने गए
पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर विधायक अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर पद के लिए चुन लिया गया है। प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने राथर के नाम का प्रस्ताव पेश किया, जो पास भी हो गया है।
राथर सातवीं बार विधायक बने हैं और केंद्र शासित प्रदेश की पहली विधानसभा में सबसे उम्रदराज विधायक हैं। रविवार को CM उमर अब्दुल्ला ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें राथर को स्पीकर बनाने का फैसला किया गया था। मीटिंग में कांग्रेस, CPI (M), आम आदमी पार्टी और निर्दलीय विधायक पहुंचे थे।
डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को मिल सकता है
अब्दुल्ला सरकार डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को दे सकती है। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से भाजपा को इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई है। आज होने वाली बैठक में इस पर भी फैसला हो सकता है। वहीं रविवार को भाजपा विधायकों की हुई बैठक में सुनील शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया। वे विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे। वहीं सत शर्मा को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया गया है।