महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नामांकन वापसी के आखिरी दिन भाजपा के बागी और पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने निर्दलीय चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। सोमवार सुबह बोरीवली सीट उन्होंने नामाकंन वापस ले लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के जनरल सेक्रेटरी विनोद तावड़े से मीटिंग के बाद शेट्टी ने नामांकन वापसी का फैसला लिया है। शेट्टी ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी चर्चा की थी।
दरअसल, भाजपा ने बोरीवली सीट से संजय उपाध्याय को टिकट दिया था, जिससे नाराज होकर 29 अक्टूबर को नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने नॉमिनेशन किया था। उन्होंने कहा था कि मैंने यह फैसला टिकट की चाहत में नहीं, बल्कि स्थानीय कार्यकर्ताओं की चिंता को लेकर लिया है। कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था।
नाम वापसी के आखिरी दिन महाविकास अघाड़ी और महायुति अपने-अपने बागी उम्मीदवारों को मनाने में जुटी है। शिवसेना और NCP में टूट के चलते इस बार 6 बड़े दल मैदान में हैं। यही कारण है कि बागी भी ज्यादा हैं। प्रदेश की लगभग हर सीट पर बागी हैं। इस बार 7,995 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है।
6 पार्टियां चुनाव मैदान में, लगभग हर सीट पर बागी
शिवसेना और NCP में बगावत के चलते इस बार छह बड़े दल मैदान में हैं। इसी वजह से बागी भी ज्यादा हैं। प्रदेश की लगभग हर सीट पर बागी हैं। सबकी निगाह अब नाम वापसी की आखिरी तारीख, 4 नवंबर पर है। उसके बाद ही पता चलेगा कि लड़ाई कैसी होगी।
मानखुर्द-शिवाजीनगर- नवाब मलिक
इस सीट पर मामला बड़ा दिलचस्प है। नॉमिनेशन भरने की समय सीमा खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही अजित गुट की NCP ने नवाब मलिक को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। मलिक पहले से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, मगर भाजपा विरोध कर रही थी।
भाजपा ने मलिक को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताते हुए देशद्रोह सहित कई आरोप लगाए थे। इसी वजह से मलिक को टिकट नहीं मिल पा रहा था। हालांकि, 29 अक्टूबर को नवाब मलिक ने दो पर्चे दाखिल किए।
पर्चा भरने के बाद उन्होंने कहा, 'मैंने NCP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा दाखिल किया था। लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेजा और हमने दोपहर 2.55 बजे एबी फॉर्म जमा किया। अब मैं NCP का आधिकारिक उम्मीदवार हूं।'
भाजपा अब भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध कर रही है। समझौते के तहत यह सीट शिंदे गुट को मिली थी। पार्टी ने यहां से सुरेश पाटिल को टिकट दिया है। भाजपा ने भी पाटिल का समर्थन किया है और लगातार मलिक के खिलाफ बयान दे रही है।
काटोल सीट पर भाजपा और अजित की NCP आमने-सामने
NCP में टूट से पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सीट से विधायक बने थे। हालांकि, जब पार्टी में टूट हुई तो देशमुख ने शरद पवार का साथ दिया। इस वजह से भाजपा इस सीट पर दावा कर रही थी।
वहीं, अजित अब भी इसे NCP की जीती हुई सीट मान रहे थे। नतीजा दोनों ने उम्मीदवार उतार दिए। भाजपा ने चरण सिंह ठाकुर तो NCP ने नरेश अरसडे को टिकट दिया है।