- कैसे मदद करेगा?
फर्म आमतौर पर कर्मचारियों के डिक्लेरेशन के मुताबिक सैलरी से TDS काटते हैं, जिसमें टैक्स कटौती के लिए निवेश और खर्च को ध्यान में रखा जाता है। हालांकि, फर्म कर्मचारी की तरफ से अन्य सोर्स से दिए गए टैक्स को अडजस्ट नहीं करते थे। अब, CBDT की जारी किए गए नए फॉर्म से यह बदल जाएगा। - क्या होगा फायदा?
इस नए फॉर्म के माध्यम से TCS जमा और अन्य सोर्स से कटे TDS के बारे में जानकारी देकर कर्मचारी अपनी सैलरी से टैक्स कटौती कम कर सकता है। इस कदम से कर्मचारियों को कैश फ्लो की समस्याओं से निपटने और अपनी आय को खर्च करने या बचाने में मदद मिलेगी। - क्या हुआ बदलाव?
अन्य सोर्स से कटे TDS और TCS के बारे में फर्म को सूचित करने का नया कानून इस साल 1 अक्टूबर से लागू हो गया है। कर्मचारी अपने फर्म को अन्य आय सोर्स से कटे TDS या किसी बड़े खर्च को करते समय कटे TCS के बारे में सूचित कर सकता है। पहले फर्म को यह सूचना देने का कोई खास मेकेनिज्म नहीं था। अब विभाग की ओर से जारी किया गया नया फॉर्म कर्मचारी को यह सूचना फर्म को देने में मदद करेगा। - TDS और TCS में क्या अंतर है?
TDS और TCS टैक्स वसूल करने के दो तरीके हैं। अगर किसी व्यक्ति को एक सीमा से अधिक आय हुई है तो उस आय से एक निश्चित रकम काट ली जाती है। टैक्स के रूप में काटी गई इस रकम को ही TDS कहते हैं। TCS वह टैक्स है जो विक्रेता खरीदार से वसूलते हैं। इन दोनों मामलों में रिटर्न फाइल करने की जरूरत पड़ती है।