विदेशी पत्रकारों को क्यों खरीद रहा चीन, ढाई लाख के फ्लैट में ठहरा रहा, दे रहा पैसे, कारण जानें
Updated on
08-08-2023 01:41 PM
बीजिंग: चीन तेजी से पूरी दुनिया में पत्रकारों को खरीद रहा है। इसके लिए पत्रकारों को चीनी सरकार सीधे या किसी तीसरे व्यक्ति के हवाले से पैसे दे रही है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद कहा था कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और चीन कहानी को बेहतर ढंग से बताने के लिए बाहरी व्यक्तियों की जरूरत होगी। ऐसे में चीन अब तेजी से बाहरी पत्रकारों को भर्ती कर रहा है। चीनी सरकार के अंग्रेजी भाषा का अखबार चाइना डेली के बीजिंग संस्करण में एक शीर्षक लगा था, जिसमें लिखा था कि विजिटिंग पत्रकार शानदार रिपोर्ट देते हैं। इसमें कोई शक नहीं है, क्योंकि चीन में सरकारी मीडिया को सख्ती से नियंत्रित किया जाता है। लेकिन, पिछले साल इस विशेष समाचार रिपोर्ट में असामान्य बात यह थी कि चीन के लिए विजिटिंग पत्रकार का काम करने वाले भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के एक दर्जन से अधिक देशों से थे।
पत्रकारों को कौन-कौन सी सुविधाएं दे रहा चीन
2016 से हर साल 10 महीनों के लिए चीन के विदेश मंत्रालय ने एशिया और अफ्रीका के प्रमुख मीडिया घरानों के लगभग 100 विदेशी पत्रकारों की मेजबानी की है। उन्हें रेड-कार्पेट ट्रीटमेंट दिया गया है। इस दौरान इन पत्रकारों को बीजिंग के आलीशान आवासों में से एक जियांगुओमेन डिप्लोमैटिक कंपाउंड में अपार्टमेंट आवास दिए जाते हैं। यहां दो बेडरूम वाले अपार्टमेंट का महीने का किराया 22,000 युआन (2.4 लाख रुपये) है। कुछ पत्रकारों के लिए 5,000 युआन मासिक वजीफा (50,000 रुपये) और प्रत्येक माह में दो बार विभिन्न चीनी प्रांतों की फ्री में यात्रा भी कराई जाती है। इस दौरान उन्हें चीनी भाषा भी पढ़ाई जाती है और कार्यक्रम के अंत में उन्हें एक चीनी विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री भी दी जाती है।
जिनपिंग ने विदेशी पत्रकारों को लेकर खुद दिया था मूलमंत्र
शायद सबसे बढ़कर, इन गेस्ट पत्रकारों को वह सब दिया जाता है जो चीन में अन्य विदेशी संवाददाताओं को आमतौर पर नहीं दिया जाता है और वह है चीनी सरकारी अधिकारियों और मंत्रालयों तक पहुंच। यह पहल चीनी सरकार के दो प्रमुख उद्देश्यों से मेल खाती है। इसमें से पहला 2013 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड पहल का शुभारंभ और दूसरा, दुनिया को "चीन की कहानी को बेहतर ढंग से बताने" के लिए शी जिनपिंग का आह्वान। शी ने कहा था कि चीन और बाकी दुनिया के बीच संबंध ऐतिहासिक बदलावों से गुजर रहे हैं। चीन को दुनिया के बारे में बेहतर जानने की जरूरत है और दुनिया को चीन के बारे में बेहतर जानने की जरूरत है।
चीन के बारे में प्रॉपगैंडा फैलाना चाहते हैं जिनपिंग
जिनपिंग ने यह तब कहा था जब उन्होंने छह चैनलों के साथ राज्य प्रसारक चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) को चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) के रूप में फिर से लॉन्च किया था। उन्होंने इस ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क के लिए संयुक्त राज्य ब्यूरो और अफ्रीका ब्यूरो का भी विस्तार किया। शी के शब्दों में सीजीटीएन का मिशन "चीन के बारे में अच्छी तरह से कहानियाँ बताना और चीन की आवाज को अच्छी तरह से फैलाना" है। दुनिया को बहुआयामी और कलरफुल चीन देखने में सक्षम बनाना है। उन्होंने यह भी कहा था कि चीनी मीडिया चीन को विश्व शांति के निर्माता, वैश्विक विकास में योगदानकर्ता और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के धारक के रूप में प्रस्तुत करें और साझे हित वाले समुदाय के निर्माण के लिए प्रयास करें।
चीनी पत्रकारों की सीमित पहुंच से परेशान हैं जिनपिंग
बीजिंग को पता है कि चीनी पत्रकारों द्वारा बताई गई कहानी केवल इतनी ही दूर तक जा सकती है। इसलिए, इसका प्रयास विश्व के मीडिया को इसमें शामिल करने का है। चीन मीडिया फेलोशिप की पेशकश करने में अकेला नहीं है। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में सरकारी और निजी दोनों संस्थान वर्षों से ऐसी पेश करते रहे हैं। जो अलग है वह है प्रयास की अपारदर्शिता और उसका महत्वकांक्षी दायरा और पैमाना। कई मामलों में विदेशी पत्रकारों को चुनने के लिए चीन के पास कोई स्पष्ट आवेदन प्रक्रिया नहीं है। आमंत्रित लोगों से चीनी दूतावास खुद संपर्क करता है। यह कार्यक्रम सबसे पहले अफ्रीकी पत्रकारों के लिए शुरू किया गया था, जिसमें बीजिंग ने चाइना अफ्रीका प्रेस सेंटर (CAPC) की स्थापना की थी।
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