भारत-पाकिस्तान के बीच यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सोमवार देर रात बंद कमरे में बैठक हुई। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में पाकिस्तान से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पहलगाम हमले में शामिल होने को लेकर सवाल पूछे गए।
UNSC के मेंबर्स ने पाकिस्तान के हालिया मिसाइल परीक्षण को उकसाने वाला एक्शन माना और इस पर चिंता जताई। पाकिस्तान ने बीते 3 दिनों में 2 मिसाइल परीक्षण किए हैं।
बैठक में UNSC मेंबर्स ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और इसकी जवाबदेही की जरूरत पर भी जोर दिया। इस दौरान UNSC मेंबर्स ने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया।
हालांकि इस बैठक के बाद UNSC ने किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया और ना किसी तरह का रिजॉल्यूशन पारित किया गया।
पाकिस्तान की अपील के बाद बंद कमरे में हुई मीटिंग
यह बैठक सिक्योरिटी काउंसिल के मुख्य कक्ष में नहीं बल्कि ‘कंसल्टेशन रूम’ में हुई थी। इस कमरे में गोपनीय बातचीत होती है। UNSC के अस्थायी सदस्य पाकिस्तान ने ही बैठक के लिए बंद कमरे में बातचीत की अपील की थी।
बैठक में 15 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। बातचीत लगभग डेढ़ घंटे तक चली। बैठक के बाद सिक्योरिटी काउंसिल ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बैठक से बाहर आने के बाद एक रूसी राजनयिक ने कहा कि हम तनाव कम होने की उम्मीद करते हैं।
पाकिस्तान बोला- भारत ने भड़काऊ बयान दिए, जिससे तनाव बढ़ा
बैठक के बाद UN में पाकिस्तानी राजदूत इफ्तिखार अहमद ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मीटिंग का अनुरोध किया था, ताकि दक्षिण एशिया में पैदा हो रहे तनाव को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनका जो मकसद था वो पूरा हुआ।
इफ्तिखार ने कहा कि सुरक्षा परिषद के कई सदस्य इस बात पर सहमत थे कि तमाम मुद्दों को शांति से हल किया जाना चाहिए। इसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति सिर्फ बातचीत और अंतरराष्ट्रीय कानून की पाबंदी से ही मुमकिन है।
इफ्तिखार ने आरोप लगाया कि भारत ने 23 अप्रैल को ‘एकतरफा और गैरकानूनी’ कदम उठाए। इसके साथ ही सैन्य जमावड़ा और भड़काऊ बयान दिए। इससे तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है।"
सिंधु नदी समझौता स्थगित करने का मुद्दा भी उठा
इफ्तिखार ने भारत के उस आरोप को नकार दिया जिसमें पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले का जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य इस हमले की निंदा कर चुके हैं।
इफ्तिखार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने के फैसले को भी बैठक में गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी थी और 3 जंगों के दौरान भी बरकरार रही थी। पाकिस्तानी दूत ने कहा, "पानी जिंदगी है, इसका इस्तेमाल हथियार के तौर पर नहीं होना चाहिए।
भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने न्यूज एजेंसी से कहा कि इस बैठक से किसी ‘ठोस नतीजे’ की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल करके सिर्फ ‘धारणाएं गढ़ने’ की कोशिश कर रहा है, जिसका भारत उचित जवाब देगा।
UN चीफ बोले- सैन्य समाधान से हल नहीं निकलेगा
बंद कमरे में हुई इस बैठक से कुछ घंटे पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है।
गुटेरेस ने एक बयान में कहा- "भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। मैं दोनों ही देशों की सरकारों और नागरिकों का सम्मान करता हूं और यूएन शांति मिशन में दोनों के ही योगदान के लिए आभारी हूं। ऐसे में ये देखकर मुझे दुख होता है कि उनके आपसी संबंध इस खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुके हैं।"