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रूस पर क्यों बिफर पड़ा चीन, जमकर सुनाई खरीखोटी, पुतिन-जिनपिंग दोस्ती का क्या हुआ

Updated on 05-08-2023 02:22 PM
बीजिंग: पूरी दुनिया जानती है कि चीन किसी का भी सगा नहीं है। चीन मौका मिलने पर दोस्त हो या दुश्मन किसी को भी बख्शता नहीं है। अब चीन ने एक छोटी सी बात पर अपने सबसे करीबी और शक्तिशाली दोस्त रूस की आलोचना कर इसे साबित भी कर दिया है। मॉस्को में चीनी दूतावास ने चीन के नागरिकों को रूस में प्रवेश से इनकार करने पर रूसी अधिकारियों की आलोचना की है। चीनी दूतावास ने इसे रूसी अधिकारियों का अपने नागरिकों के प्रति क्रूर व्यवहार बताया है। दूतावास ने लोकप्रिय चीनी सोशल-मीडिया आउटलेट वीचैट पर शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा कि इस घटना में रूस की क्रूर और अत्यधिक कानून-प्रवर्तन गतिविधियों ने चीनी नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों का गंभीर उल्लंघन किया है।


चीनी नागरिकों से चार घंटे तक की गई पूछताछ

चीनी दूतावास ने कहा कि उसके पांच नागरिकों से एक चौकी पर चार घंटे तक बार-बार पूछताछ की गई। इन चीनी नागरिकों ने 29 जुलाई को रूस-कजाकिस्तान सीमा पार करने का प्रयास किया था। कानून के अनुसार, उनके पर्यटक वीजा को रद्द कर दिया गया, उनके प्रवेश से इनकार कर दिया गया। दूतावास ने कहा कि इस घटना में शामिल चीनी नागरिकों से मिले वीडियो की समीक्षा करने के बाद उसे रूसी विदेश मंत्रालय, फेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो और फेडरल बॉर्डर गार्ड सर्विस के साथ शेयर किया है।

चीन ने रूस से मांगा स्पष्टीकरण

चीनी दूतावास ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह घटना चीन-रूस मित्रता की बड़ी तस्वीर और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण लोगों के बीच आदान-प्रदान की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ है। पोस्ट में रूस से घटना का कारण स्पष्ट करने, बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने की मांग की गई कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमले से कुछ दिन पहले बीजिंग में एक संयुक्त बयान में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग इस बात पर सहमत हुए थे कि उनके देशों के बीच सहयोग में कोई क्षेत्र अछूता नहीं है।

चीनी दूतावास की भाषा पर उठ रहे सवाल

चीनी दूतावास की पोस्ट में इस्तेमाल की गई भाषा उस भाषा से अधिक मेल खाती है, जिसका इस्तेमाल शी जिनपिंग के वुल्फ वॉरियर्स पश्चिमी देशों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए करते हैं। यह दुर्लभ आलोचना पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की घोषित बिना किसी सीमा की दोस्ती के दावों के बिल्कुल विपरीत है। चीन पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करने से इनकार करने में प्रमुख रहा है, और प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में लगातार मजबूत कर रहा है।


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