अमेरिका का विरोध क्यों कर रहे गुआम के लोग, क्या प्रशांत महासागर में कामयाब हो गई चीन की चाल?
Updated on
27-07-2023 01:52 PM
वॉशिंगटन: अमेरिका को प्रशांत महासागर में मौजूद गुआम द्वीप पर हमले का डर सता रहा है। गुआम में अमेरिकी नौसेना और वायु सेना का अड्डा है। यही कारण है कि अमेरिका 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 12300 करोड़ रुपये) में गुआम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए अमेरिका ने गुआम में एक अभेद्य मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करने का प्लान बनाया है। हालांकि, गुआम के लोग अमेरिका के इस डिफेंस प्रोजेक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनको डर है कि गुआम पर हथियारों की तैनाती के कारण यह अमेरिका के दुश्मनों के लिए एक प्रमुख लक्ष्य बन सकता है। आशंका है कि गुआम के लोगों के विरोध के पीछे चीन का हाथ हो सकता है। चीन तेजी से प्रशांत महासागरीय देशों में अपनी पैठ का विस्तार कर रहा है।
गुआम को अभेद्य किला बनाएगा अमेरिका
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने गुआम पर 360-डिग्री एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करने का फैसला किया है। इसके लिए 1.5 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई गई है। पेंटागन का लक्ष्य 2017 तक इस सिस्टम को पूरा करने का है। जनवरी में अमेरिकी रक्षा विभाग के एक खरीद प्रभाग मिसाइल डिफेंस एजेंसी (एमडीए) ने गुआम की मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए लॉकहीड मार्टिन को आधा अरब डॉलर का अनुबंध दिया। इसके कंपोनेंट का निर्माण उन साइटों पर किया जाएगा, जिन्हें 20 संभावित स्थानों में से चुना जाएगा।
अमेरिका का विरोध कर रहे गुआम के लोग
अमेरिका ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब चीन की बढ़ती आक्रामता के कारण इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा को लेकर तनाव बढ़ गया है। डिफेंस सिस्टम के प्लान को गुआम के निवासियों के बीच व्यापक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को डर है कि हथियारों की तैनाती के कारण गुआम भविष्य में किसी संभावित संघर्ष में फंस जाएगा। इसके साथ ही द्वीप और स्वदेशी संस्कृति के लिए पर्यावरणनीय जोखिमों का भी डर है। गुआम विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर केनेथ कूपर ने कहा कि अमेरिकी हथियारों की तैनाती गुआम को एक लक्ष्य बनाती है। अगर युद्ध होता है को हम कटघरे में हैं।
गुआम के लोगों को हमले का सता रहा डर
अमेरिकी कांग्रेस में गुआम के पूर्व प्रतिनिधि रॉबर्ट अंडरवुड ने कहा कि स क्षेत्र का उपयोग मिसाइल डिफेंस डेवलेपमेंट के लिए एक्पेरिमेंटल टेस्ट साइट के रूप में किया जा रहा है। थिंकटैंक पैसिफिक सेंटर फॉर आइलैंड सिक्योरिटी की स्थापना करने वाले रॉबर्ट अंडरवुड ने यह भी कहा कि गुआम में मिसाइलों को तैनात किया जाता है, तो स्थानीय लोगों के लिए इससे खराब स्थिति नहीं हो सकती है। जो लोग इस द्वीप को अपना घर कहते हैं, उनके लिए जीवन और आजीविका को नष्ट कर सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि मिसाइल सिस्टम की तैनाती से गुआम में सैन्य मौजूदगी बढ़ जाएगी और उससे स्वदेशी चमोरो समुदाय की भूमि पर दावा किया जाएगा।
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