पाकिस्तान के परमाणु बमों पर पर एक झटके में कब्जा कर सकता है अमेरिका, वॉशिंगटन में बन चुका है पूरा प्लान, जानें
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01-05-2025 02:20 PM
इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने परमाणु युद्ध की आशंका को जगा दिया है। भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं। नई दिल्ली की नीति परमाणु हथियार पहले इस्तेमाल न करने की है, जबकि इस्लामाबाद अक्सर अपने परमाणु हथियारों की धमकी भारत को देता रहता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा कि अगर हमारे अस्तित्व को सीधा खतरा है तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा। एक अन्य केंद्रीय मंत्री हनीफ अब्बासी ने तो सीधा भारत को परमाणु हमले की धमकी दे डाली और कहा कि शाहीन और गजनवी मिसाइलों समेत 130 परमाणु हथियारों का मुंह भारत की तरफ है।
अब्बासी ने कुछ दिन पहले कहा था कि वे शाहीन, गजनवी (मिसाइलें) जो पाकिस्तान के ठिकानों में रखी हई हैं, हमने उन्हें सजाने के लिए नहीं रखा है। वे हिंदुस्तान के लिए रखी गई हैं। हमारे पास जो 130 एटमी हथियार हैं, वो सिर्फ मॉडल नहीं हैं, वे भारत के लिए हैं और आपको पता नहीं है कि हमने उन्हें पाकिस्तान के किस हिस्से में तैनात किया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु खतरा
पाकिस्तान से जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं के इस तरह से आते बयान साफ बताते हैं कि दोनों देशों के बीच परमाणु खतरे को कम करके नहीं आंका जा सकता है। दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका को भी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर गहरी चिंता है। कहा जाता है कि अगर कोई खतरा पैदा होता है तो अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को जब्त करने की आपातकालीन योजना बना रखी है
अमेरिका ने बना रखी है आपात योजना
साल 2011 में एनबीसी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिका के पास पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को छीनने और जब्त करने की आकस्मिक योजना है। यह तब किया जाएगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता है कि वे अमेरिका या उसके हितों के लिए खतरा हैं। पाकिस्तान में सबसे खराब स्थिति से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की गई थीं। एनबीसी न्यूज ने कई अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अमेरिका की उच्च प्राथमिकता रही है।
रिपोर्ट में जिन परिदृश्यों का जिक्र किया गया है, उसमें पाकिस्तान में आंतरिक अराजकता, परमाणु सुविधा पर गंभीर आतंकवादी हमला, भारत के साथ तनाव शुरू होना या इस्लामी चरमपंथियों के हाथों में सरकार या पाकिस्तानी सेना की कमान संभालना शामिल था। एनबीसी ने अपनी 2011 की रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को उसके सुरक्षित घर में मार गिराने वाले सैन्य अभियान ने पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार के बारे में चिंताओं को बढ़ा दिया है।
क्या अमेरिका कर सकता है कब्जा?
पाकिस्तान के सबसे प्रसिद्ध परमाणु भौतिक वैज्ञानिक और मानवाधिकार की वकालत करने वाले परवेज हुडभॉय ने कहा था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण का अमेरिकी प्रयास मूर्खतापूर्ण होगा। कहा जाता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार पहाड़ों के नीचे सुरंगों में, शहरों में और इसके साथ ही वायुसेना और सेना के ठिकानों में छिपाकर रखे गए हैं। परमाणु हथियारों पर कब्जे का अमेरिकी अभियान युद्ध को बढ़ावा दे सकता है।
इसके बावजूद अमेरिकी अधिकारियों के इंटरव्यू, सैन्य रिपोर्ट और कांग्रेस में दी गई गवाही से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कब्जा किए जाने के लिए अमेरिकी खुफिया और विशेष बलों के बीच चर्चा का विषय रहे हैं। वॉइट हाउस में काउंटर टेररिज्म के पूर्व उप निदेशक रोजर क्रेसी ने एनबीसी न्यूज को बताया था कि 'परमाणु हथियारों के संबंध में सबसे खराब स्थिति की योजना पहले ही अमेरिकी सरकार के अंदर बन चुकी है।'
पाकिस्तान का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम
अमेरिका ने पिछले साल पाकिस्तान को लेकर अपनी नई चिंता जाहिर की है। वॉइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिसम्बर में कहा था कि परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता विकसित कर रहा है, जो अंततः उसे दक्षिण एशिया से परे लक्ष्यों पर हमला करने की अनुमति दे सकती है। इससे वह अमेरिका के लिए एक 'उभरता हुआ खतरा' बन सकता है। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा था कि 'हमारे लिए पाकिस्तान की कार्रवाइयों को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक उभरते खतरे के अलावा कुछ और के रूप में देखना कठिन है।'
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