प्रिगोझिन की मौत के बाद वैगनर समूह का क्या होगा? CIA चीफ की एक-एक भविष्यवाणी हो रही सच
Updated on
24-08-2023 01:00 PM
मॉस्को: येवगेनी प्रिगोझिन की हवाई दुर्घटना में मौत के बाद उसकी प्राइवेट आर्मी के भविष्य को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। प्रिगोझिन ने जून के आखिरी हफ्ते में रूस में सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था, लेकिन बाद में वह बेलारूस की मध्यस्थता से मान गया था। इसके बाद से ही प्रिगोझिन को मौत का डर सता रहा था। दावा किया जा रहा है कि प्रिगोझिन की मौत के पीछे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ हो सकता है। इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईएक के प्रमुख विलियम बर्न्स का एक पुराना बयान भी काफी चर्चा में है, जिसमें उन्होंने प्रिगोझिन और पुतिन को लेकर कई बड़े खुलासे किए थे। अब विलियम बर्न्स का हर एक दावा धीरे-धीरे सच साबित होता नजर आ रहा है।
सीआईए चीफ ने दो महीने पहले क्या कहा था
विलियम बर्न्स ने दो महीने पहले भविष्यवाणी की थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वैगनर बॉस प्रिगोझिन से बदला लेने में अपना समय लेगें। जुलाई में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम में बर्न्स ने कहा था कि हम जो देख रहे हैं वह बहुत ही उलझा हुआ समीकरण है। पुतिन बदला लेने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड से पीछे नहीं हटने वाले हैं। पुतिन संभवत वैगनर समूह के नेता के साथ सबसे अच्छा सलूक करने के लिए समय निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पुतिन ऐसे व्यक्ति हैं जो आम तौर पर सोचते हैं कि बदला एक ऐसा व्यंजन है जिसे ठंडा परोसा जाना चाहिए। मेरे अनुभव में, पुतिन बदला चुकाने के सिद्धांत को पूरी शिद्दत से निभाते हैं इसलिए मुझे आश्चर्य होगा अगर प्रिगोझिन आगे प्रतिशोध से बच जाएं।
विद्रोह के बाद कहां था प्रिगोझिन
रूस में विद्रोह के बाद से ही प्रिगोझिन गुमनामी में जी रहा था। विद्रोह के एक महीने तक तो प्रिगोझिन का कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद बेलारूसी राष्ष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि प्रिगोझिन उनके देश में नहीं है और वह वापस रूस चला गया है। उसके रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की भी खबरें थी। इसके बाद जब अफ्रीकी देश नाइजर में तख्तापलट हुआ तो प्रिगोझिन का बयान सुनने को मिला। एक ऑडियो संदेश में प्रिगोझिन की आवाज में सुना गया कि वह नाइजर में हुए तख्तापलट का समर्थन कर रहा है। इतना ही नहीं, उसने नाइजर में वैगनर ग्रुप की सर्विस का भी ऑफर दिया और पश्चिमी देशों को खूब फटकारा। हालांकि, इस ऑडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी।
प्रिगोझिन के साथ वैगनर के शीर्ष नेतृत्व की मौत
प्रिगोझिन की मौत जिस विमान दुर्घटना में हुई उसमें वैगनर समूह के कई वरिष्ठ सदस्य भी शामिल थे। इस विमान में प्रिगोझिन के साथ उसका सबसे करीबी सहयोगी और वैगनर समूह में नंबर दो का नेता दिमित्री उत्किन भी मौजूद था। दिमित्री उत्किन रूसी खुफिया एजेंसी जीआरयू का पूर्व अधिकारी था, जो बाद में वैगनर में शामिल हो गया। उत्किन के जिम्में सीरिया में तेल क्षेत्रों की रखवाली का काम था। वह वैगनर विद्रोह में भी शामिल था, जिसमें लड़ाकों ने मॉस्को की ओर कूच करने की कोशिश की थी। वैगनर से जुड़े रूसी सोशल मीडिया चैनलों की रिपोर्ट से पता चलता है कि वैगनर के नेतृत्व के अन्य सदस्य भी उड़ान में रहे होंगे। ऐसे में अब वैगनर समूह के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
वैगनर समूह का क्या होगा भविष्य
वैगनर समूह में अब भी कम से कम 25 हजार लड़ाके मौजूद हैं, जो हथियार चलाने में माहिर हैं। प्रिगोझिन की मौत के बाद रूस इनका इस्तेमाल एक बार फिर यूक्रेन युद्ध में कर सकता है। दरअसल, प्रिगोझिन की रूस के साथ दुश्मनी वैगनर लड़ाकों को रूसी सेना का हिस्सा बनाने से शुरू हुई थी। रूस चाहता था कि वैगनर समूह का हर एक लड़ाका रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करे। लेकिन, प्रिगोझिन इसके सख्त खिलाफ था और उसने कई बार रूसी अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी। अब उसकी मौत के बाद माना जा रहा है कि रूस सभी वैगनर लड़ाकों को कॉन्ट्रैक्ट के अधीन रखेगा और उनका इस्तेमाल अपने फायदे वाली जगहों पर करेगा।
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