साल 1912 में डूबे टाइटैनिक में ऐसा क्या जो जान की बाजी लगा रहे अरबपति, समंदर में छिपा है रहस्य?
Updated on
24-06-2023 09:27 PM
वॉशिंगटन: अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज डूबा और 1500 लोग गहरे समंदर में समा गए। 111 साल बाद उसी टाइटैनिक जहाज की वजह से एक बार फिर पांच लोग सागर में डूबकर मरने के लिए मजबूर हो गए। टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए गई एक छोटी सी पनडुब्बी जिसमें पांच लोग सवार थे, उसका मलबा काफी तलाश के बाद मिल गया है। टाइटैनिक जहाज के मलबे को इतिहासकार सबसे मशहूर मलबा करार देते हैं। अपनी पहली यात्रा से लेकर डूबने तक और आज भी टाइटैनिक हमेशा उस चर्चा का विषय है जो रहस्य से भरी हुई थी। आखिर इस जहाज के मलबे में ऐसा क्या है जो लोग अभी तक इसे देखना चाहते हैं।
मलबे वाली जगह के कई राउंड हाल के कुछ दशकों में टाइटैनिक जहाज की कलाकृतियों को फिर से हासिल करने के लिए और जहाज के मलबे पर नजर रखने के लिए अटलांटिक महासागर में कई लोग राउंड लगा चुके हैं। इन हाई-प्रोफाइज 'सी विजिट्स' ने कई उपन्यासों, नाटकों, टीवी शो और फिल्मों को प्रेरणा दी है। सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी में ब्लेयर सेंटर फॉर टेलीविजन एंड पॉपुलर कल्चर के संस्थापक निदेशक रॉबर्ट थॉम्पसन ने एबीसी न्यूज को बताया, 'टाइटैनिक मूल रूप से उस रात से ही लोकप्रिय है जिस रात को यह ग्लेशियर से टकराकर डूब गया था।' टाइटैनिक का मलबा उत्तरी अटलांटिक महासागर में न्यूफाउंडलैंड, कनाडा के तट से करीब 600 किमी दूर है।
लोगों को बस याद है टाइटैनिक 15 अप्रैल 1912 को अटलांटिक में एक ग्लेशियर के टकराने से टाइटैनिक जहाज इसमें ही समा गया था। इसके टकराने के बाद ही एक साइलेंट फिल्म को रिलीज कर दिया गया था। टाइटैनिक जहाज पर हाई सोसायटी के पैसेंजर्स का होना, उस समय जहाज की असाधारण स्पीड, उच्च मृत्यु दर और कभी न डूब सकने के 'अकल्पनीय' दावे की वजह से यह आज तक रहस्य का विषय बनी है। थॉम्पसन की मानें तो अगर कोई सड़क पर भी है और बाकी जहाजों के बारे में बातें होती हैं तो लोगों को बस टाइटैनिक ही याद आता है।
सबसे अमीर लोग थे सवार द ओसियन फाउंडेशन के एक सीनियर फेलो ओले वर्मर के अनुसार टाइटैनिक आज तक मशहूर है। इसका एक कारण यह भी है कि इसके डूबने की खबर तेजी से फैली थी। वर्मर के मुताबिक टाइटैनिक का डूबना टेलीग्राफ सेवाओं सा था। मार्कोनी वायरलेस टाइटैनिक पर ही था। उन्होंने कहा कि यह शायद पहला हादसा था जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। उनमें से कई प्रसिद्ध और अमीर थे, और यह खबर टेलीग्राफ के कारण दुनिया भर में फैल गई। थॉम्पसन ने कहा, डूबने की रात को 'रेडियो के शुरुआती इतिहास में महान क्षणों में से एक' माना जाता है। उनका कहना था कि यह 20वीं सदी की एक इतनी विशाल,कहानी थी जिसके साथ बहुत सी कहानियां जुड़ी थी।
जब पहली बार देखा मलबा रिचर्ड टी, जो ओशिनगेट के साल 2022 अभियान का हिस्सा थे कहते हैं, 'पहली बार टाइटैनिक को देखकर मैं दंग था कि कोई मलबा भी इतना सुंदर दिख सकता है। महंगी और जोखिम भरी समुद्री यात्रा करने वाले लोगों को वास्तव में क्या देखने को मिलता है? टाइटैनिक का मलबा किस जगह पर पड़ा है उसकी पहली जानकारी साल 1985 में नेशनल ज्योग्राफिक की तरफ से सामने आई थी। नेशनल जियोग्राफिक के खोजकर्ता रॉबर्ट बैलार्ड और फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी जीन-लुई मिशेल के एक अभियान के दौरान ही इसका मलबा मिला था। मलबे वाली जगह पर क्या-क्या
ओशिनेट अभियान का हिस्सा रहे एक व्यक्ति ने कहा, 'आप जमीन पर टाइटैनिक का कुछ मलबा, कुछ प्लेटें देख सकते हैं।' इसके अलावा एक झूमर भी दिखता है जिसके क्रिस्टल्स साफ नजर आते हैं। साथ ही वह मशहूर हिस्सा भी नजर आता है जिसे जहाज के बो के तौर पर जानते हैं। नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक आज टाइटैनिक के मलबे वाली जगह कूड़े-कचरे से भरी पड़ी है। इसमें बीयर और सोडा की बोतलें, रेस्क्यू टीम का सामान, चेन और कार्गो नेट शामिल हैं। विजिटर्स ने इस जगह को प्लाक्स यानी पट्टिकाओं और स्मारकों से भी भर दिया है।
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