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पाकिस्तान को IMF डील में क्या मिला? 3 अरब डॉलर पाने के लिए शहबाज सरकार को क्या करना होगा

Updated on 01-07-2023 07:16 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 3 अरब डॉलर के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) पर कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान को यह खुशखबरी आईएमएफ कार्यक्रम के खत्म होने की आखिरी तारीख को मिली है। इसे गंभीर भुगतान असंतुलन का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए अंतिम समय में एक बचाव पैकेज माना जा रहा है। हालांकि, समझौते का मतलब यह नहीं है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से इतना कर्ज तुरंत मिलने वाला है। इस पैसे को पाने के लिए भी पाकिस्तान को लंबी जद्दोजहद करनी होगी। इस्लामाबाद आईएमएफ की 2019 में सहमत 6.5 बिलियन डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा की नौवीं समीक्षा के तहत 1.1 बिलियन डॉलर को पाने के लिए लंबे समय से कोशिश कर रहा था। आईएमएफ ने कहा है कि स्टैंड-बाय अरेंजमेंट एक्टेंडेट फंड फैसिलिटी के तहत प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के साथ कर्मचारी-स्तरीय समझौते को मंजूरी देने के लिए वैश्विक ऋणदाता का बोर्ड जुलाई के मध्य में बैठक करेगा।

पाकिस्तान को क्या मिल रहा है?

आईएमएफ ने कहा कि नौ महीने की स्टैंड-बाय अरेंजमेंट लगभग 3 बिलियन डॉलर या पाकिस्तान के आईएमएफ कोटा का 111 प्रतिशत जारी करेगी। इस समझौते को अभी आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी नहीं मिली है। माना जा रहा है कि जुलाई के मध्य तक अनुरोध पर विचार करने की उम्मीद है। ऐसी मंजूरी आम तौर पर कर्मचारी-स्तर का सौदा हो जाने के बाद दी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार आईएमएफ से करीब 2.5 अरब डॉलर की उम्मीद कर रही थी। हालांकि, अब उसे आईएमएफ से उम्मीद से ज्यादा मिल रहा है। पाकिस्तान ने पहले 11 सूचीबद्ध कार्यक्रम समीक्षाओं में से आठ को मंजूरी दे दी थी, नौवीं समीक्षा पिछले साल नवंबर से लंबित थी। यह 2008 के बाद से सबसे लंबी देरी थी।

चुनाव में शहबाज सरकार को मिलेगी बढ़त!

नौंवी समीक्षा बाहरी वित्तपोषण की आवश्यकताों और कार्यक्रम के लक्ष्यों को पूरा करने वाले बजट सहित नीतिगत कार्रवाइयों पर आईएमएफ और पाकिस्तान के बीत मतभेदों के कारण रुकी हुई थी। अब आईएमएफ के साथ एक सफल सौदा अन्य फाइनेंसरों से कर्ज पाने में भी मदद कर सकता है। इससे पाकिस्तान की 350 बिलियन डॉलर की बीमार अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसमें निजी बाजार से पैसा जुटाना भी शामिल है। पाकिस्तान में नवंबर तक आम चुनाव होने हैं। ऐसे में नए समझौते से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को बढ़ावा मिल सकता है।


क्या हैं IMF की शर्तें?

इस महीने की शुरुआत में संसद में प्रस्तुत 2023-2024 बजट का प्रारंभिक मसौदा आईएमएफ की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहा। बाद में नए टैक्स और खर्जों में कमी को लागू करके उसे जल्दीबाजी में बदला गया। पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक ने भी एक निर्धारित बैठक में दर को अपरिवर्तित रखने के बमुश्किल दो सप्ताह बाद, सोमवार को एक आपातकालीन बैठक में प्रमुख दर में 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी की। आईएमएफ की डील में पाकिस्तान के बिजली क्षेत्र का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, जिसने लागत की वसूली सुनिश्चित करने के लिए टैरिफ के समय पर रीवैल्यूएशन की मांग की गई है। इसका मतलब है कि चुनावी साल में पहले से ही रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के बावजूद बिजली की कीमतें बढ़ाई जाएंगी।

पाकिस्तानी बैंक पर सबसे ज्यादा दबाव

आईएमएफ की शर्तों में कहा गया है कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक को तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार के मद्देनजर बाहरी भुगतान को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए आयात प्रतिबंधों को वापस लेना चाहिए, जिसने आर्थिक विकास को रोक दिया है। पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 3.5 बिलियन डॉलर है, जो बमुश्किल एक महीने के लिए आयात का खर्च चलाने के लिए ही पर्याप्त है। मुद्रास्फीति को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक को "सक्रिय" रहने के लिए भी कहा गया है। आईएमएफ ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से विनिमय दर के लिए प्रतिबद्ध होने, नियंत्रण हटाने और विभिन्न बाजारों में कई विनिमय दर प्रथाओं को खत्म करने के लिए कहा गया है, भले ही हाल के सप्ताहों में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया है।

कितनी ख़राब है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत?
पाकिस्तान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए अपने संघीय बजट में आईएमएफ से 2.5 अरब डॉलर पाने के लक्ष्य को निर्धारित किया है। पाकिस्तान को विदेशी ऋण चुकाने, ब्याज भुगतान करने और अपने चालू खाते को वित्तपोषित करने के लिए 22 अरब डॉलर की आवश्यकता है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3.5 बिलियन डॉलर के खतरनाक स्तर पर है। आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को नुकसान हुआ है। तीन प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने हाल ही में पाकिस्तान की रेटिंग में कटौती की है - पाकिस्तान के लिए स्टैंडर्ड एंड पूअर्स की रेटिंग CCC+, मूडीज़ की Caa3 और फिच की CCC- है। आईएमएफ की अपेक्षा से अधिक बड़ी राहत राशि के बावजूद, समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान को बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वित्तीय सहायता जुटाना जारी रखना होगा।

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