उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार (22 मई) को ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने तेहरान जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पोस्ट में बताया कि भारत की ओर से शोक समारोह में भाग लेने के लिए उपराष्ट्रपति ईरान गए हैं।
19 मई को रईसी का हेलिकॉप्टर ईरान-अजरबैजान बॉर्डर के पास क्रैश हो गया था। इसमें विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियान समेत कुल 9 लोग सवार थे। तबरिज शहर में अंतिम यात्रा के बाद राष्ट्रपति के शव को तेहरान लाया गया।
ईरानी उपराष्ट्रपति मोहसिन मंसूरी ने बताया कि 23 मई को उन्हें ईरान के मशहद शहर में दफनाया जाएगा। इसी शहर में रईसी का जन्म हुआ था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईरान के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। इससे पहले 21 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दिल्ली में ईरान के दूतावास का दौरा किया था।
ईरान में 23 मई को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। रईसी के अंतिम संस्कार से पहले देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला प्रार्थना करेंगे।
भारत में ईरानी राष्ट्रपति की मौत पर शोक, तिरंगा आधा झुकाया गया
ईरान के अलावा भारत, पाकिस्तान, लेबनान जैसे कई देशों में रईसी की मौत पर शोक मनाया गया। भारत ने राष्ट्रपति रईसी की मौत पर सोमवार, 21 मई को एक दिन के शोक की घोषणा की थी। इसके तहत बुधवार को संसद भवन समेत सभी सरकारी इमारतों पर तिरंगा आधा झुका नजर आया।
जहां रईसी की मौत हुई, वहां इजराइल के मोसाद का गढ़ था
राष्ट्रपति की मौत की जांच के नतीजे अभी आने हैं, लेकिन बड़ा सवाल क्रैश साइट अजरबैजान को लेकर है। ईरान के पड़ोसी देश अजरबैजान से तनाव पूर्ण संबंध रहे हैं। अजरबैजान मध्य एशिया का इकलौता मुस्लिम देश है, जिसके इजराइल के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं।
रईसी का हेलिकॉप्टर अजरबैजान के पास जहां क्रैश हुआ वो पहाड़ी वाला दुर्गम इलाका इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का गढ़ रहा है। यहां पर मोसाद के कई खुफिया एजेंट सक्रिय हैं। पिछले साल ईरान ने अजरबैजान में रहकर इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक महिला समेत चार लोगों को फांसी दी थी। फिलहाल ईरान ने खराब मौसम को क्रैश का कारण बताया है।
दूसरी तरफ, ईरान में रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच शुरू हो गई है। न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरानी आर्म्ड फोर्सेज के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बघेरी ने एक हाई-रैंकिंग डेलिगेशन को जांच का जिम्मा सौंपा है। इसका नेतृत्व ईरान के ब्रिगेडियर अली अब्दुल्लाही कर रहे हैं। इसके लिए वे हेलिकॉप्टर क्रैश की लोकेशन पर भी पहुंच चुके हैं।
जगदीप धनखड़ के ईरान जाने से भारत को क्या फायदा होगा?
भारत ने 13 मई को ईरान से चाबहार में शाहिद बेहेशती पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया था। अब पोर्ट का पूरा मैनेजमेंट भारत के पास होगा। भारत को इसके जरिए अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया से व्यापार करने के लिए नया रूट मिल जाएगा। पाकिस्तान की जरूरत खत्म हो जाएगी। यह पोर्ट भारत और अफगानिस्तान को व्यापार के लिए वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराएगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ईरान जाने से वहां ये संदेश जाएगा की रईसी की मौत के मामले में भारत उनके साथ खड़ा है। ईरान बार-बार भारत को अमेरिका का साथ देने के रूप में देखता आया है। इस दौरे से चाबहार प्रोजेक्ट के डेपेलैप्मैंट को बल मिलेगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी चाबहार के मामले में ईरान का दौरा कर चुके हैं।