इंदौर। शहर में बढ़ रहे नशे के कारोबार के खिलाफ बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद विश्व हिंदू परिषद का नशामुक्ति अभियान और तेज हो गया है। विहिप नेताओं का कहना है कि पुलिस ने लाठीचार्ज और गिरफ्तारी करके हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इस घटना से संगठन के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। अब वे दोगुने उत्साह से नशामुक्ति के लिए काम कर रहे हैं।
इसी बीच विहिप ने रविवार को परदेशीपुरा में कनकेश्वरी देवी मंदिर परिसर में महाविद्यालयीन युवाओं के नशामुक्ति जन जागरण गोष्ठी रखी। इसमें सैकड़ों युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया और नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। विहिप ने तय किया है कि अब वह समाज के बीच इस मुद्दे लेकर जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने और बचने के लिए स्कूल और कालेजों में भी अभियान चलाया जाएगा।
विहिप के विभाग संगठन मंत्री अभिषेक उदेनिया का कहना है कि नशामुक्ति को लेकर विहिप ने चार चरणों में अभियान शुरू किया है। पहले चरण के जागरूकता अभियान में ही पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया। इससे लगता है कि पुलिस ड्रग पैडलरों के साथ मिली हुई है और बौखलाकर हिंदूवादी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया।
नशामुक्ति के अभियान के अंतर्गत हमें यह पता करना है कि शहर और समाज के बीच नशा कहां और किस तरह बिक रहा है। बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू और शराब के अलावा और किस तरह के नशे प्रचलन में हैं। इसमें ड्रग्स, वाइटनर और कुछ प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग भी नशे के रूप में किया जा रहा है। वर्ग विशेष के लोग नशा बेचते पाए गए हैं। वे बस्तियों के बच्चों के साथ ही समृद्ध परिवारों के बच्चों को टारगेट बनाकर ड्रग्स और नशे की चीजें बेच रहे हैं।
योजनाबद्ध तरीके से इन परिवारों की लड़कियों को नशे की लत लगाकर लव जिहाद में फंसाया जा रहा है। हमने अगस्त में ही डीसीपी धर्मेंद्रसिंह भदौरिया और एमजी रोड थाने पर इस विषय में शिकायत की थी। साक्ष्यों के साथ इसमें कुछ लोगों के नाम भी दिए थे, लेकिन पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं कर रही थी। आरोपित एक बड़े ड्रग पैडलर का भाई है, इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही थी। कार्रवाई करने के बजाय उल्टे पुलिस ने हमें ही निशाना बनाया।