- क्या है खास?
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक UPI सर्कल डेलिगेट पेमेंट्स (UPI Circle-Delegate Payments) एक ऐसा फीचर है जहां आपके UPI अकाउंट का मास्टर एक्सेस आपके पास होगा। आप पेमेंट के लिए किसी और को भी अकाउंट का एक्सेस दे सकेंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य महाप्रबंधक डिजिटल बैंकिंग संचालन के. वी. शीतल बताते हैं कि यह परिवार के सदस्य या परिचित को भुगतान करने का काम सौंपने का एक नया विकल्प है। इससे दो व्यक्ति UPI भुगतान करने के लिए एक बैंक खाते का इस्तेमाल कर सकेंगे। - कैसे काम करेगा?
प्राइम्स पार्टनर्स के एमडी श्रवण शेट्टी के मुताबिक प्राइमरी के लिए एक मेडेट बनाना हजर को सेकेडरी यूजर होगा। प्राइमरी यूजर पूरी तरह से या आशिक रूप से भुगतान का विकल्प दे सकता है। पूरा अधिकार दिया जाता है तो सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी अकाउंट होल्डर द्वारा तय राशि सीधे पेमेंट करने का अधिकार होगा। आशिक अधिकार की स्थिति में सेकेंडरी यूजर को हरेक लेनदेन के लिए प्राइमरी यूजर को अनुरोध भेजना होगा। - लिमिट क्या होगी?
प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट भी सेट कर सकता है। एनपीसीआई के मुताबिक पूरे अधिकार पर अधिकतम मासिक सीमा 15,000 रुपये होगी। आंशिक डेलीगेशन के लिए मौजूदा UPI सीमा लागू होगी। - क्या फायदा होगा?
ठाकुर कहते हैं कि ऐसे घरों में जहां परिवार के केवल एक सदस्य का बैंक खाता है, यह सुविधा उनके लिए काम की होगी। इससे नकदी पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है। माता-पिता को खर्च पर नियंत्रण रहेगा। कर्मचारियों को छोटे-मोटे खर्चे को संभालने के लिए अधिकार मिल सकता है। - सेफ है यह सुविधा?
NPCI के मुताबिक इसमें सुरक्षा के लिए मजबूत उपाय है। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि केवल खाताधारक ही लेनदेन को वेरिफाई कर सकता है। वे लेनदेन की सीमा तय कर सकते हैं। प्राइमरी अकाउंट होल्डर्स को हर लेनदेन के लिए वास्तविक समय में सूचित किया जाता है, जिससे उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि को जल्दी से पहचानने और रिपोर्ट करने का मौका मिलता है।