रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेनी सेना ने रविवार (9 जून) को बताया कि उसने रूस की सीमा के अंदर एक सैन्य अड्डे को तबाह कर दिया। अमेरिकी मीडिया हाउस CNN के मुताबिक, इस हमले में रूस के नए और सबसे एडवांस लड़ाकू विमान सुखोई-57 को यूक्रेनी सेना ने ड्रोन की मदद से उड़ा दिया है।
यूक्रेनी सेना ने यह हमला रूस के अस्त्राखान शहर के एयरबेस पर किया है, जो जंग की जगह से 600 किलोमीटर दूर है। Su-57 दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान में से एक है, जिसकी स्पीड 2,130 किलोमीटर प्रति घंटा है। ये फाइटर जेट कितना ताकतवर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नाटो सुखोई को Felon यानी हत्यारा कहकर बुलाता है।
हमले की सैटेलाइट तस्वीर भी सामने आ चुकी है, जिसमें 7 जून को अस्त्राखान एयरबेस पर Su-57 नजर आ रहा है, पर 8 जून को उसी जगह पर आग और धुआं उठता नजर आया। हमला इतना भयानक था कि आस-पास सिर्फ गड्ढे नजर आ रहे हैं।
रूस के पास 32 सुखोई-57 लड़ाकू विमान
यूरो न्यूज के मुताबिक, रूस के पास केवल 32 लड़ाकू विमान Su-57 हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2028 तक 76, Su-57 को तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार (8 जून) को बताया था कि उसके अस्त्राखान शहर में तीन यूक्रेनी ड्रोन दाखिल हुए थे। रूसी सेना ने इन्हें मार गिराया था। हालांकि मंत्रालय ने Su-57 पर अटैक के बारे में कुछ नहीं कहा।
पश्चिमी देशों के हथियारों को रूस के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा यूक्रेन
रूस ने 10 मई से खार्किव में हमले तेज कर दिए थे। इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से उनके दिए गए हथियारों को रूस के खिलाफ इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी थी। फिर 31 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ उसके हथियारों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी थी।
पश्चिमी देशों के हथियारों से अब यूक्रेनी सेना रूसी सेना को अपनी सीमा से पीछे धकेलने में लगी हुई है। गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन को अपने शक्तिशाली लड़ाकू विमान मिराज देने की घोषणा की थी।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था- जरूरत पड़ी तो यूक्रेन में सैनिक भेजेंगे
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले महीने कहा था कि अगर यूक्रेन ने मदद मांगी तो वे अपने सैनिकों को वहां भेज सकते हैं। इसके ठीक एक दिन बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने भी कहा था कि यूक्रेन अगर चाहे तो वह रूस पर हमला करने के लिए ब्रिटिश हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
रूस ने इन दोनों बयानों का विरोध किया था। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने 28 मई को यूक्रेन को हथियार देने वाले देशों को चेतावनी दी थी। पुतिन ने दावा किया था कि यूक्रेन में पश्चिमी देशों के भाड़े के सैनिक लड़ रहे हैं और इन्हें सबसे ज्यादा फ्रांस भेज रहा है। इन भाड़े के सैनिकों की आड़ में वहां विशेषज्ञ भी मौजूद हैं, जो यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
यूक्रेन समर्थक देशों को पुतिन की चेतावनी- गंभीर परिणाम भुगतने होंगे
पुतिन ने अपनी सेना को परमाणु हथियारों की ड्रिल करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों को धमकी दी थी कि यूक्रेन जिस देश से मिले हथियारों से रूस पर हमला करेगा, उस देश को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इससे पहले मार्च में भी फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन में सेना उतारने की संभावनाओं को खारिज करने से इनकार कर दिया था। फ्रांसीसी अखबार ला पेरिसियन से बात करते हुए मैक्रों ने कहा था कि मैं इसकी पहल नहीं करूंगा पर हमें रूसी सेना को खदेड़ने के लिए यूक्रेन में ग्राउंड ऑपरेशन चलाने की जरूरत है। लेकिन फ्रांस में इतनी (जंग में उतरने) की ताकत है, वो ऐसा कर सकता है।