पंचकूला । केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को हरियाणा के अधिकतर राजमार्गों पर टोल वसूली रोककर उन्हें टोल फ्री करा दिया। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में कई टोल प्लाजाओं पर टोल शुल्क वसूली गुरुवार आधी रात या शुक्रवार की सुबह से रोक दी गई है। कई स्थानों पर किसानों ने टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया और अधिकारियों को लोगों से टोल टैक्स नहीं लेने दिया। वहीं कुछ स्थानों पर प्रदर्शन के मद्देनजर टोल कर्मचारियों ने खुद ही टोल टैक्स वसूलना बंद कर दिया और वाहनों को बिना शुल्क अदा किए ही जाने दिया। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कुछ दिन पहले कहा था कि हरियाणा के टोल बूथ पर 25 से 27 दिसंबर तक टोल टैक्स वसूली नहीं करने दी जाएगी। किसानों ने करनाल के बस्तारा में एनएच-44 टोल प्लाजा पर टोल टैक्स वसूली पूरी तरह रोक दी है। उन्होंने करनाल-जींद राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा, सिरसा जिले के डबवाली पर बने टोल प्लाजा और रोहतक-पानीपत राजमार्ग पर मकरौली कला पर भी टोल वसूली बंद कर दी है। हालांकि, गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर शुक्रवार सुबह टोल शुल्क की वसूली की गई। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।