नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिनको कोई मतलब नहीं है, बहुत से लोग जब मैं फोटो देखता हूं तो उनमें किसान दिखाई नहीं देते हैं। बहुत कम किसान दिखाई देते हैं।
सिंह ने कहा, 'स्वामिनाथन कमिटी की रिपोर्ट में भी मांग थी। समय-समय पर मांग होती रही कि किसान को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह किसी का बंधुआ ना रहे। यह काम सरकार ने कर दिया कि मंडी में बेचना चाहते हो तो बेचो और अगर बाहर बेचना चाहते हैं तो भी वे बेच सकते हैं। इसमें किसान को नहीं बाकी लोगों को तकलीफ हो रही है। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है जो कमिशन खाते हैं।'
इससे पहले किसानों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचने पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। देखते हैं क्या निकलता है।’ उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार उनकी समस्याओं का समाधान निकालेगी। भारत किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के सदस्य रूप सिंह सनहा ने बताया, ‘किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।’ सनहा ने कहा कि उन्हें फोन पर किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने, बैठक में किसान प्रतिनिधियों द्वारा अपनाए गए रुख के बारे में सूचित किया।